सपा के आपराधिक तत्वों से BJP ने मुझे बचाया…इस कांड का जिक्र कर मायावती ने कांग्रेस को ये सब सुनाया

यूपी तक

26 Aug 2024 (अपडेटेड: 26 Aug 2024, 10:22 AM)

UP News: बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर बड़ा सियासी प्रहार किया है. मायावती ने 1995 से लेकर कांशीराम की बीमारी और गेस्ट हाउस कांड को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है और उससे सवाल पूछे हैं.

BSP Mayawati

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UP Politics: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती इन दिनों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर काफी हमलावर हैं. कभी वह सपा को निशाने पर लेती हैं तो कभी कांग्रेस पर तीखा हमला करती हैं. अब एक बार फिर बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस पर बड़ा सियासी प्रहार किया है. मायावती ने 1995 से लेकर कांशीराम की बीमारी और गेस्ट हाउस कांड को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है और उससे सवाल पूछे हैं.

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सपा ने मुझपर हमला करवाया तो कांग्रेस क्यों चुप रही?- मायावती

सोशल मीडिया X पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा, सपा जिसने 2 जून 1995 में बीएसपी द्वारा समर्थन वापिसी पर मुझ पर जानलेवा हमला कराया था, इस पर कांग्रेस कभी क्यों नहीं बोलती है? जबकि उस दौरान् केंद्र कांग्रेसी सरकार थी. मगर उसने अपना दायित्व नहीं निभाया. 

बसपा चीफ ने आगे लिखा, फिर जब कांशीराम जी ने अपनी बीमारी की गंभीर हालत में भी हॉस्पिटल छोड़कर रात को कांग्रेस के गृह मंत्री को हड़काया और विपक्ष ने भी संसद को घेरा, तब जाकर यह कांग्रेसी सरकार हरकत में आई थी. मायावती ने आगे लिखा, ‘उस समय केंद्र की कांग्रेसी सरकार की नीयत खराब हो चुकी थी. अनहोनी के बाद यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाकर, पर्दे के पीछे से अपनी सरकार चलाना चाहती थी. जिनका यह षड़यन्त्र बीएसपी ने फेल कर दिया था.’ 

‘भाजपा ने मुझे बचाया…’

इस दौरान मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए भाजपा का नाम लिया और कहा कि भाजपा ने उन्हें बचाया. मायावती ने लिखा, उस समय सपा के आपराधिक तत्वों से भाजपा सहित समूचे विपक्ष ने मानवता व इन्सानियत के नाते मुझे बचाया और अपना दायित्व निभाया. मगर इसपर भी कांग्रेस को बीच-बीच में तकलीफ होती रही है. आखिर कांग्रेस को क्यों दिक्कत होती है?  लोग सचेत रहें.

‘वर्गीकरण और क्रीमीलेयर पर कांग्रेस चुप’

मायावती ने आगे लिखा, बीएसपी वर्षों से जातीय जनगणना के लिए पहले केंद्र में कांग्रेस पर और अब बीजेपी पर भी अपना पूरा दबाव बना रही है. बसपा वर्षों से इसकी पक्षधर रही है तथा अभी भी है. लेकिन जातीय जनगणना के बाद, क्या कांग्रेस SC, ST व OBC वर्गों का वाजिब हक दिला पायेगी? जो SC/ST आरक्षण में वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी भी चुप्पी साधे हुए है, जवाब दे.

क्या था गेस्ट हाउस कांड?

साल 1995 में सपा-बसपा साथ में सरकार चला रही थी. मगर अंदरखाने दोनों में सब ठीक नहीं था. मायावती ने 2 जून 1995 की दोपहर को लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस में बीएसपी विधायकों की एक बैठक बुलाई. बैठक खत्म होने के बाद, मायावती आगे की चर्चा के लिए पार्टी विधायकों के एक चुनिंदा समूह के साथ अपने सुइट में चली गईं. बाकी विधायक कॉमन हॉल में ही थे. शाम 4 बजे के कुछ ही देर बाद करीब 200 लोगों की भीड़ ने गेस्ट हाउस पर हमला कर दिया. कहा जाता है कि भीड़ में समाजवादी पार्टी के विधायक और समर्थक शामिल थे.

भीड़ में शामिल लोग बसपा विधायकों और उनके परिवारों को अपंग करने और मारने की धमकी देने वाले नारों के साथ-साथ ‘च$& पागल हो गए हैं, हमें उन्हें सबक सिखाना होगा’ जैसे जातिवादी नारे भी लगा रहे थे. भीड़ को देखकर कॉमन हॉल में मौजूद विधायकों ने आनन-फानन में मुख्य दरवाजे को बंद कर दिया था, लेकिन उन्मादी भीड़ ने उसे तोड़ दिया. फिर इस भीड़ ने बसपा विधायकों के साथ मारपीट की.

मायावती पर किताब लिखने वाले अजय बोस ने अपनी किताब में लिखा है कि बसपा के कम से कम पांच विधायकों को गेस्ट हाउस से जबरन घसीटा गया और कारों में डाल दिया गया जो उन्हें मुख्यमंत्री आवास तक ले गईं. वहां उन्हें राज बहादुर के नेतृत्व वाले बसपा के बागी गुट में शामिल होने और मुलायम सिंह सरकार को समर्थन देने के लिए एक कागज के टुकड़े पर हस्ताक्षर तक कराए गए. देर रात तक विधायक वहीं कैद रहे.

इस बीच, गुस्साई भीड़ ने मायावती को सुइट से बाहर खींचने की धमकी देते हुए, नारेबाजी और गालियां देना जारी रखा. लखनऊ के जिलाधिकारी राजीव खेर के आगमन के बाद व्यवस्था थोड़ी बहाल हुई, जिन्होंने भीड़ के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया.
 

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