मीरापुर उपचुनाव: सपा, BSP, चंद्रशेखर या BJP-जयंत, इस सीट पर कौन पड़ रहा भारी? समझिए

संदीप सैनी

• 06:40 PM • 11 Oct 2024

उत्तर प्रदेश में जल्द ही 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लेकर विपक्ष ने अपनी कमर कस ली है. जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट भी शामिल है.

Meerapur By Election

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Meerapur Byelection News: उत्तर प्रदेश में जल्द ही 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लेकर विपक्ष ने अपनी कमर कस ली है. जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट भी शामिल है. इस बीच लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस सीट पर किस पार्टी की जीत होगी. साथ ही लोगों के मन में इस बात को जानने की उत्सुकता है कि इस सीट पर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया और नगीना सांसद चंद्रशेखर का जादू चलेगा या नहीं? ऐसे में यूपी Tak की टीम ने उपचुनाव को लेकर मीरापुर के लोगों से खास बातचीत की है. जानें क्या है जनता का मूड?

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यूपी Tak से बातचीत में लोगों का सबसे पहले तो साफ तौर पर यही कहना था कि जो भी पार्टी बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी, उसका यहां के लोग बायकॉट करेंगे. वहीं, लोगों का यह भी कहना था कि नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद का यहां इतना प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा. बहरहाल अभी इंडिया गठबंधन और एनडीए ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. जबकि बसपा भी इस बार उपचुनाव के मैदान में है. 

 

 

बसपा को लेकर यहां के लोगों का कहना है बसपा के आने के बाद यह चुनाव रोचक हो गया है. वहीं, यहां के लोग मानते हैं कि ये चुनाव सभी पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा पर भी निर्भर करेगा. अगर बात चंदन सिंह चौहान की करें तो यहां के लोगों का कहना है कि वह लोकदल से यहां के विधायक थे और उन्होंने अपने समय में यहां पर काफी काम किए हैं.  

मीरापुर सीट का वर्तमान सियासी गणित क्या है?

वरिष्ठ पत्रकार आस मोहम्मद कैफ ने कहा, "पश्चिमी यूपी की मीरापुर हॉट सीट बन गई है. मीरापुर का सीएम योगी समेत कई बड़े नेता दौरा कर चुके हैं. भाजपा-रालोद के बीच गठबंधन में ये सीट रालोद के पाले में है. मगर भाजपा अपनी पूरी ताकत से इस सीट को जीतना चाहती है. इस सीट पर सपा को बसपा और आजाद समाज पार्टी ने बड़ी चुनोती दे दी है. इन दोनों पार्टियों ने मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारकर इस मुकाबले को और ज्यादा रोमांचक बना दिया है. यह सीट सपा और भाजपा-रालोद  गठबंधन के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है."

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