Uttar Pradesh News: निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश में मत्स्य पालन के कैबिनेट मिनिस्टर संजय निषाद 27 जून से कानपुर में प्रदेश व्यापी अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं. प्रदेश में निषाद राजभर जैसी जातियों के आरक्षण को लेकर एक बार फिर संजय निषाद अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेंगे. एक तरफ ओमप्रकाश राजभर की बीजेपी से बढ़ती नज़दीकियां तो दूसरी तरफ चुनाव से पहले संजय निषाद की आरक्षण की मांग, इस राजनीति पर यूपीतक ने उनसे खास बातचीत की.
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आरक्षण के लिए मुहिम छेड़ेंगे यूपी सरकार के मंत्री
कैबिनेट मिनिस्टर संजय निषाद ने यूपीतक को कहा कि उत्तर प्रदेश में कुछ विभीषण हैं. जनता को बताने के लिए कि हम इनके लिए क्या कर रहे हैं और अब तक क्या किया जिसके लिए जनता के बीच जाएंगे. पिछली सरकारों ने हमारे साथ धोखा किया और हमारा नाम पिछड़ी जातियों में डाल दिया.संजय निषाद ने बतया कि, ‘हमने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखा है. केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री ने भी माना कि इनको अनुसूचित जाति में आरक्षण मिलना चाहिए. आज के दिन में जनता जनार्दन मालिक होती है.भारतीय जनता पार्टी के साथ 2019 था और 2022 में भी था. 2024 से पहले और जनता को जाकर बताना जरूरी है कि आपने हमें अपना माना नेता माना है तो हमनें भी आप की लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे.’
लोकसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन
मंत्री संयज निषाद ने आगे कहा कि कांग्रेस ने फाइल गायब करा दी समाजवादी पार्टी गुमराह करती रही.ऐसे में कोई कुछ करेगा तो वह बीजेपी करेगी. हम आरक्षण को लागू कराएंगे. हमने प्रण किया तो बजट में हिस्सा मिला. उन्होंने कहा कि लेदर मैन और वॉशर मैन को अगर आरक्षण मिलता है तो फिशरमैन को भी मिलना चाहिए. इसीलिए हम लोग 27 जून को कानपुर में सप्त चौरा घाट पर इकट्ठा हो रहें है. फिर 28 जून से महा जनसंपर्क अभियान पूर्वांचल से शुरू होगा और 75 जिले में जाएंगे.
ओपी राजभर पर कही ये बात
वहीं ओमप्रकाश राजभर पर संजय निषाद भड़के दिखे. ओपी राजभर पर उन्होंने कहा कि, ‘वह बस तटस्थ रहे, सुबह को कुछ और शाम को कुछ और ना कहें. वो लड़ाई लड़े राजभर जाति की. 1961 में राजभर को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया था लेकिन 1991 में बाहर कर दिया गया था. उसकी लडाई लड़े. वहीं पटना में हुए विपक्षी पार्टी के बैठक पर उन्होंने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री राजीव गांधी कभी कहते थे कि हम ₹100 देते हैं 85 बीच में लोग खा जाते हैं और ₹15 लोगों तक पहुंचता है. वही पचासी लोग इकट्ठे हुए जो पीएम मोदी को हराने की बात कर रहे हैं.’
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