केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात को खारिज किया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर 3 विवादास्पद कृषि कानून वापस लेने का कदम उठाया.
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‘एजेंडा आज तक 2021’ के मंच पर जब सीतारमण से उस धारणा के बारे में पूछा गया कि ‘सरकार को लग रहा था कि यूपी में स्थिति खराब है, इसलिए इस वक्त कृषि कानून वापस ले लिए जाएं’, तो केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा,
”यूपी में कमजोर हैं, कौन बोल रहा है? क्या विपक्ष वहां खड़े होकर दो बात बोल पा रहा है? किस विषय के ऊपर वो बोल पा रहे हैं? कुछ नहीं है. कानून व्यवस्था बेहतर हुई. बुंदेलखंड के विकास पर कोई पार्टी बोल सकती है क्या? योगी जी बोलेंगे. यूपी में कॉरिडोर ले आना, योगी जी बोलेंगे. एक्सप्रेसवे बन रहे हैं… यूपी में कौन से मुद्दे पर खड़े होकर विपक्ष चुनाव लड़ रहा है?”
निर्मला सीतारमण
उन्होंने जोर देकर इस बात को खारिज किया कि चुनाव के डर से कृषि कानूनों को वापस लेने का कदम उठाया गया.
सीतारमण ने यह भी कहा, ”किसान आंदोलन के समय ही पश्चिमी यूपी में एमएलए इलेक्शन, लोकल बॉडी इलेक्शन हुए, जहां से किसान विरोध के नेता भी हैं, उनके क्षेत्र में बीजेपी जीतकर आई.”
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि मजबूत सरकार का मतलब यह नहीं है कि आप लोगों के विषयों को न समझें, आपके अंदर संवेदनशीलता न रहे.
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