कहते हैं राजनीति में कुछ स्थायी नहीं होता, कब अपना पराया हो जाए और कब विपक्षी अपने गले लग जाए किसी को कुछ पता नहीं होता. अगर बात उत्तर प्रदेश की राजनीति की हो तो यहां समीकरण और भी तेजी से बदलते हैं. यूपी के राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर तरह-तरह की अटकलें तेज हो गई हैं. इस बार यह अटकलें सुभसपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को लेकर है. आपको बता दें कि इन अटकलों के पीछे सपा नेता का एक ट्वीट है.
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बता दें कि सपा नेता आई पी सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर ऐसा दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती के मौके पर 25 दिसंबर को सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर लेंगे.
हांलाकि सपा नेता के इस दावे में कितनी सच्चाई है इसका बारे में कुछ कहा तो नहीं जा सकता पर इस बात की सुगबुगाहत राजभर के एक ट्वीट से जरूर महसूस की जा सकती है. बता दें कि सोमवार को सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के आवास पर पहुंचे. इस बात की जानकारी खुद ओपी राजभर ने ट्वीट कर दी. हांलाकि यह मुलकात कोई राजनीति मुलाकात नहीं थी. ओपी राजभर ने अपने ट्वीट में बताया कि पं० अटल बिहारी वाजपेयी मेमोरियल फाउंडेशन द्वारा वाजपेयी जी की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित होने वाले “अखिल भारतीय कवि सम्मेलन” की तैयारियों की बैठक में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के साथ शामिल हुआ.
वहीं सपा नेता आईपी सिंह ने ट्वीट कर दावा किया कि ओम प्रकाश राजभर अपनी पार्टी सुभसपा का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती 25 दिसंबर के दिन भाजपा में विलय करने जा रहे हैं.
बता दें कि ओम प्रकाश राजभर पहले भाजपा गठबंधन का हिस्सा थे और 2017 विधासभा चुनाव में जीत के बाद वह योगी सरकार में मंत्री भी बने थे. वहीं 2022 विधानसभा चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के साथ थे. चुनाव में हार के बाद दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया है.बता दें कि बीते लंबे वक्त से सपा और अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साध रहे हैं. वहीं कई मौकों पर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की थी. जिसके बाद उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई थी. इसके अलावा उनकी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं है.
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