Jyoti Maurya News: PCS अफसर ज्योति मौर्य और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे का मामला लगातार सुर्खियों में है. उत्तर प्रदेश सरकार और होमगार्ड विभाग की किरकिरी का सबब बना है. डीआईजी स्तर के एक अधिकारी ने इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट सोमवार रात सौंप दी. अगले दिन डीजी होमगार्ड ने इस मामले में मनीष दुबे के सस्पेंशन और एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश शासन से कर दी. लेकिन 48 घंटे बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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इस पूरे मामले पर विभाग के मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने यूपीतक से बातचीत में कहा कि अभी जांच रिपोर्ट देखी नहीं है. जांच रिपोर्ट देखने के बाद तय होगा कि क्या करना है.
डीजी होमगार्ड बीके मौर्या ने जांच रिपोर्ट के आधार पर मनीष दुबे के सस्पेंशन और एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है, लेकिन विभाग के मंत्री ने कहा,
“मैं अभी कुछ नहीं कह सकता हूं. जब जांच रिपोर्ट मेरे सामने आएगी तभी बता पाएंगे कि क्या करना है.”
होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे को लेकर की गई कई महिलाओं की शिकायत पर धर्मवीर प्रजापति ने कहा, “सोशल मीडिया पर जो चला तो हमने उसे गाजियाबाद से महोबा भेजा है. रही बात महिला होमगार्ड की तो मेरे सामने तो किसी महिला होमगार्ड ने तो कोई शिकायत नहीं की है. अगर किसी महिला होमगार्ड ने मुख्यालय पर कोई शिकायत की है तो उसकी जांच की गई होगी.”
मनीष दुबे की वजह से विभाग की छवि धूमिल होने के सवाल पर मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि अभी मैंने रिपोर्ट जांच रिपोर्ट नहीं देखी है तो कैसे कह दें.
बता दें कि जांच में मनीष दुबे के 3 मामलों का जिक्र करते हुए विभाग की छवि को धूमिल करने का दोषी पाया गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर मनीष दुबे के निलंबन की सिफारिश कर दी गई है.
जांच में मनीष दुबे के तीन मामलों का जिक्र किया गया है. पहला एसडीएम ज्योति मौर्या के साथ उनके संबंध और जिसकी वजह से विभाग की धूमिल हुई छवि है. दूसरा मामला अमरोहा जिले का है. बताया जा रहा है कि मनीष दुबे के खिलाफ अमरोहा में एक महिला होमगार्ड ने गंभीर आरोप लगाया था. आरोप है कि कमांडेंट मनीष दुबे महिला होमगार्ड को अकेले में मिलने के लिए बुलाते हैं और जब महिला होमगार्ड मिलने नहीं गई तो उसकी ड्यूटी पर रोक लगा दी गई. महिला होमगार्ड ने इस मामले की शिकायत डीजी होम से भी की थी.
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