Uttar Pradesh News: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश में बीजेपी छोटे दलों को अपने साथ जोड़ने की कवायद में जुट गई है. लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी का फोकस सबसे ज्यादा पूर्वांचल पर है क्योंकि पूर्वांचल की कई सीटें ऐसी हैं, जहां प्रधानमंत्री के चेहरे के बावजूद बीजेपी के लिए सीटें जीतना हमेशा से मुश्किल भरा रहा है. पहली बार बीजेपी ने अब छोटे दलों को जोड़ने की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और मंत्री दयाशंकर सिंह को सौंप दी है. हालांकि इसका कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है.
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पूर्वांचल पर ज्यादा जोर
बीजेपी को लगता है कि पश्चिम में कोई ऐसा दल नहीं है, जिसके साथ गठबंधन फिलहाल उसकी जरूरत हो. जो राजनीतिक दल पश्चिम में हैं, उन्होंने अपनी राजनीतिक लाइन साफ बना रखी है. जिसने जयंत चौधरी की आरएलडी और आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद रावण हैं, जो बीजेपी के साथ जुड़ने को तैयार नहीं. ऐसे में बीजेपी ने कुछ इलाकों में अपने सहयोगी ढूंढने का फैसला किया है और सबसे ज्यादा नजर और जरूरत पूर्वांचल की है.
राजभर को मिलेगी सौगात!
ओमप्रकाश राजभर पूर्वांचल में बीजेपी के संभावित साझेदार हैं. 2022 विधानसभा चुनाव के बाद से वह लगातार बीजेपी को संकेत भी भेज रहे थे, लेकिन पहली बार बीजेपी को भी लगा ओमप्रकाश राजभर को एक बार फिर गंवा देना कहीं बड़ी गलती साबित ना हो जाए. इसी को भांपकर बीजेपी ने उप चुनाव में ओम प्रकाश राजभर से मदद ली, जिसकी उसे बहुत जरूरत नहीं थी लेकिन 2024 के लिहाज से यह संकेत देना जरूरी था कि बीजेपी पूर्वांचल में गंभीर है.
राजाभैया को भी साधने की कोशिश
बीजेपी ने जो सर्वे किया है उसमें भी पूर्वांचल के कई सीटों पर बीजेपी के लिए अच्छे संकेत नहीं है. जौनपुर, घोसी, लालगंज,गाजीपुर अम्बेडकरनगर, सलेमपुर, आजमगढ़, बलिया जैसी सीटें हैं, जो बीजेपी के लिए हमेशा से बेहद मुश्किल सीटों में है. ऐसे में ओम प्रकाश राजभर जैसा साझीदार उन्हें चाहिए. ओमप्रकाश राजभर को बीजेपी घोसी जैसी सीट देने की सोच रही है, हालांकि राजभर की मांग गाजीपुर, लालगंज और सलेमपुर भी है. माना जा रहा है कि ओमप्रकाश राजभर ही नहीं राजा भैया और संजय चौहान जैसे क्षेत्रीय चेहरों को साधने की तैयारी बृजेश पाठक पर दयाशंकर सिंह की जोड़ी करने वाली है.
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