UP News : राज्यसभा सांसद और झारखंड के बीजेपी प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई स्कूटी चलाकर मेरठ के सर्किट हाउस में जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से मिलने पहुंचे थे. मगर मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उनको नहीं पहचाना. उन्होंने लक्ष्मीकांत वाजपेई को अंदर जाने से रोक दिया. इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया.
ADVERTISEMENT
लक्ष्मीकांत वाजपेई ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को खूब खरी खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि ‘इनको वो पसंद आता है जो कार से चलता है. जो खुद कमाता है और इनको कमवाता है. हम न पैसा लेते हैं न देते हैं.’ इसके साथ ही लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने उनको चेतावनी देते हुए कहा कि ‘फकीर जिस दिन उलट देता है जान बचानी मुश्किल हो जाती है…ये मेरठ है. रावण की ससुराल है और मैं कबड्डी खेलने का आदि हूं. ट्रांसफर कराने वाला नेता नहीं हूं. यही रखूंगा और छाती पर खड़े होकर नाचूंगा.’
Meerut News Hindi : दरअसल जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा मेरठ पहुंचे थे. सर्किट हाउस में उनसे मिलने बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता और जन प्रतिनिधि पहुंच रहे थे. ऐसे में सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई भी अपनी स्कूटी चलाकर पहुंचे, लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों ने उनको नहीं पहचाना. वाजपेई को गेट के अंदर जाने से रोक दिया गया. उसके बाद लक्ष्मीकांत वाजपेई आक्रोशित हो गए. इस मौके का उनका वीडियो भी वायरल हो गया है. हालांकि, बाद में पुलिस अधिकारियों ने गलती मानकर उनकी बात सुनी.
बता दें कि हाल ही में बीजेपी ने राज्यसभा सांसद और सदन में पार्टी के सचेतक लक्ष्मीकांत वाजपेई को झारखंड का प्रभारी घोषित किया है. लक्ष्मीकांत वाजपेई मेरठ से ही चार बार विधायक रहे हैं. लक्ष्मीकांत वाजपेई यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को यूपी में बड़ी सफलता मिली थी उस समय लक्ष्मीकांत वाजपेई पार्टी के अध्यक्ष थे. पार्टी को यूपी में 73 सीटें मिली थीं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी वाजपेई अपने स्कूटर से लखनऊ में कई बार घूमते देखते जाते थे.
ADVERTISEMENT