समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए गए बयान के बाद प्रदेश में लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है. रामचरितमानस पर स्वामी मौर्य की टिप्पणी पर बयानबाजी का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) का भी भी बयान सामने आया है.
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मंगलवार को पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी यूपी के प्रयागराज से 50 किलोमीटर दूर मेजा इलाके में चल रहे मां शीतला महोत्सव में शामिल होने पहुंचे थे.
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद मनोज तिवारी ने इशारों ही इशारों में स्वामी प्रसाद मौर्य को राक्षस बता दिया.
मनोज तिवारी ने कहा कि हर युग में राक्षस होते हैं, तो इस युग मे भी कई राक्षस हैं, जो साधु-संतों पर प्रहार कर रहे हैं.
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसी 22 जनवरी को श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई का जिक्र करते हुए कहा था कि उनमें पिछड़ों, दलितों और महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी हैं, जिससे करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है. लिहाजा इस पर पाबंदी लगा दी जानी चाहिए.
मौर्य की इस टिप्पणी को लेकर काफी विवाद उत्पन्न हो गया है. साधु-संतों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी कड़ी आलोचना की है. उनके खिलाफ लखनऊ में मुकदमा भी दर्ज किया गया. उनके समर्थन में ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में श्रीरामचरितमानस के कथित आपत्तिजनक अंश की प्रतियां जलाई थीं.
अखिलेश ने स्वामी मौर्य का किया बचाव
वहीं, श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी करके विवादों से घिरे अपने सहयोगी स्वामी प्रसाद मौर्य का बचाव करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विधानसभा सदन में इस महाकाव्य की एक चौपाई में इस्तेमाल किए गए ‘ताड़ना’ शब्द की व्याख्या पूछेंगे.
अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा ‘हमारे मुख्यमंत्री एक संस्थान से निकले हैं और वह योगी हैं. मैं उनसे विधानसभा सदन में यह पूछूंगा कि श्रीरामचरितमानस में जिन पंक्तियों का जिक्र इस वक्त चल रहा है उनमें ताड़ना शब्द का इस्तेमाल किन लोगों के लिए किया गया है और वह किन पर लागू होती है.’
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