पिछले दिनों समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के ऊपर जूता फेंके जाने की घटना सामने आई. ओबीसी महासम्मेलन के दौरान स्वामी मौर्य पर जूता फेंका गया था. अपने पिता स्वामी मौर्य के ऊपर जूता फेंके जाने की घटना पर उनकी बेटी और बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
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जब संघमित्रा मौर्य (Sanghmitra Maurya) से उनके पिता पर जूता फेंके जाने की घटना को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक स्टंट है, ये घटना कोई पहली घटना नहीं है. बीजेपी सांसद ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते, लोकतंत्र का हिस्सा होने के नाते, हमें लगता है कि इस हद तक किसी का भी गिरना गलत है.
उन्होंने कहा कि ये शुरुआत जहां तक मुझे याद है कि साल 2008 से हुई थी. साल 2008 में बुश के ऊपर जूता फेंका गया और उसके बाद जूता फेंकने वाला जैदी हीरो बना था और चुनाव लड़ा. 2009 में उस वक्त गृहमंत्री पी चिदंबरम के ऊपर जूता फेंका गया. आपके ही पत्रकार बंधु ने दिल्ली में फेंका था, वो फेमस हुए, चुनाव लड़े और विधायक बन गए.
बीजेपी सांसद ने आगे कहा,
“हमें लगता है जूता फेंकना, स्याही फेंकना…ये एक राजनीतिक स्टंट के रूप में लोग इस्तेमाल करते हैं कि इस बहाने हम फेमस होंगे और अपने आपको हम स्थापित कर सकेंगे. लेकिन फेमस होने के लिए लोकतंत्र में इस हद तक गिरना निन्दनीय है, मैं इसका विरोध करती हूं. ये कोई नई घटना नहीं है. ये पूर्व में भी होती चली आई है.”
संघमित्रा मौर्य ने कहा कि हमारी पार्टी के भीष्म पितामह कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी के साथ भी ऐसी घटना हुई है, इससे कोई भी अछूता नहीं रहा है और ऐसे बड़े लोगों को ही चुनना यानी कि हम अपनी राजनीति को चमकाने का ही एक उद्देश्य है, इसके अलावा कुछ नहीं है.
समर्थकों ने जमकर पीटा
जैसे ही स्वामी प्रसाद मौर्य के ऊपर आकाश सैनी नाम के शख्स ने जूता फेंका था, वहां फौरन स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक पहुंच गए थे. बताया जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों ने आकाश सैनी को जमकर पीटा था. इसके बाद आकाश सैनी को पुलिस के हवाले कर दिया गया था.
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