समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के हालिया नगरीय निकाय चुनावों में कुछ अधिकारियों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि सपा ऐसे भ्रष्ट अफसरों की सूची और फोटो उपलब्ध कराएगी. उन्हें ‘फास्ट ट्रैक जांच’ करके नौकरी से बाहर किया जाए.
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सपा अध्यक्ष ने एक बयान में भाजपा पर अधिकारियों का ‘राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाते हुए कहा,
”बड़ी संख्या में अधिकारी भाजपा कार्यकर्ता बन कर काम कर रहे हैं. अधिकारियों ने (निकाय चुनावों में) मतदाता सूची से लेकर मतगणना तक में हस्तक्षेप किया.”
यादव ने कहा,
”मैनपुरी और बेवर ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश में मुख्य विकास अधिकारियों तथा अन्य अफसरों द्वारा चुनाव नतीजे बदले जाने की खबर से जनाक्रोश है. इसका तुरन्त संज्ञान लिया जाए. ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों का निलम्बन किया जाए. साथ ही फास्ट ट्रैक जांच कर उन्हें नौकरी से बाहर किया जाए. समाजवादी पार्टी इन भ्रष्ट अधिकारियों की फोटो और नाम की लिस्ट देगी.”
सपा मुखिया ने आरोप लगाया कि भाजपा चुनावों में लगातार बेईमानी कर रही है. जब जनता आवाज उठाती है तो सरकार पुलिस को आगे कर देती है. झूठे मुकदमे लगाए जाते हैं, दबाव बनाया जाता है. मैनपुरी की आम जनता ने बताया कि लोकतंत्र में इतनी लूट, बेईमानी और अधिकारियों का ऐसा दबाव पहले कभी नहीं देखा गया. अधिकारियों से न्याय की उम्मीद की जाती है लेकिन अगर अधिकारी ही बेईमानी पर आ जाए तो फिर जनता न्याय किससे मांगेगी .’’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है.
उसने समाजवादी पार्टी को हराने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। उसके बावजूद संगठन की ताकत से समाजवादी पार्टी का नगर पंचायतों और नगर पालिका में प्रदर्शन 2017 के मुकाबले शानदार रहा है. भाजपा ने हर तरीके से चुनाव को प्रभावित किया. फिर भी समाजवादी पार्टी और अन्य ने मिलकर कुल मिलाकर भाजपा से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया.
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