UP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्धाटन करने जा रहे हैं. इसको लेकर जमकर सियासत हो रही है. इसी बीच नए संसद भवन में सेंगोल को भी स्थापित किया जाएगा. ये सेंगोल स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा. आपको बता दें कि सेंगोल प्राचीन भारत और खासकर चोल साम्राज्य में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक होता था. इस सेंगोल को भारती की आजादी के समय प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिया था. इसके माध्यम से ब्रिटेन और आजाद भारत के बीच सांकेतिक सत्ता हस्तांतरण हुआ था. अब इसी को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधा है.
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सपा चीफ अखिलेश यादव ने सेंगोल के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसा है और भाजपा को निशाने पर लिया है. जानिए सपा चीफ अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कह दिया.
अखिलेश यादव ने किया ये ट्वीट
समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण (एक-हाथ से दूसरे हाथ में जाने) का प्रतीक है. लगता है भारतीय जनता पार्टी ने मान लिया है कि अब सत्ता सौंपने का समय आ गया है.”
क्या है सेंगोल का इतिहास
बता दें कि सेंगोल का इतिहास 14 अगस्त साल 1947 से जुड़ा हुआ है. दरअसल एक चिंता ये थी कि ब्रिटेन से भारत को मिली आजादी को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाने के लिए क्या किया जाए, कैसा आयोजन किया जाए? यही सवाल लॉर्ड माउंटबेटन ने पंडित नेहरू से पूछा. पंडित नेहरू को भी चिंता होने लगी. उन्होंने फौरन श्री राजगोपालाचारी से संपर्क किया. माना जाता है कि उन्होंने पंडित नेहरू को चोला राजाओं द्वारा अपनाने वाली एक विधि के बारे में बताया, तब जाकर एक शब्द सामने आया. वह शब्द था सेंगोल यानी राजदंड.
फिर भारतीय सेंगोल बनाया गया. तमिलनाडु के विद्वानों ने प्राचीन विधि से पूजा पाठ की और मंगल गीतों के साथ ये सेंगोल प्रधानमंत्री नेहरू को सौंपा गया. बता दें कि ये सेंगोल इसके बाद प्रयागराज संग्रहालय में रखवा दिया गया. अब एक बार फिर ये भारतीय राजदंड यानी सेंगोल नए संसद भवन में स्थापित किया जाएगा और इसे पीएम मोदी को दिया जाएगा.
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