समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुकुल गोयल को विभागीय कार्यों में दिलचस्पी नहीं लेने के आरोप में हटाए जाने की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि उन्हें ‘बचकाने’ आरोप लगाकर हटाया गया है.
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यादव ने सवाल उठाया कि जब गोयल की नियुक्ति की जा रही थी तो क्या उस समय उनकी योग्यता की जांच नहीं की गई थी?
उन्होंने रविवार को एक ट्वीट कर कहा, ‘उत्तर प्रदेश के डीजीपी को ये आरोप लगाकर हटाना कि वो शासकीय कार्य की अवहेलना करते थे, विभागीय कार्य में रुचि न लेते थे व अकर्मण्य थे, बेहद बचकाने बहाने हैं. इससे पुलिस बल का मनोबल गिरा है.’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी ट्वीट में कहा ‘क्या उनकी (गोयल) नियुक्ति के समय उनकी योग्यता की जांच नहीं की गयी थी, ऐसे में उनका चयन करने वाले भी दोषी हुए.’
गौरतलब है कि पिछले साल जून में उत्तर प्रदेश के डीजीपी बने मुकुल गोयल को पिछले हफ्ते शासकीय कार्यों में दिलचस्पी नहीं लेने के आरोप में प्रदेश पुलिस प्रमुख के इस पद से हटा दिया गया था. उन्हें नागरिक सुरक्षा महानिदेशक के पद पर भेजा गया.
बाद में डी एस चौहान को प्रदेश का कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया था.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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