उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए 4 मनोनीत सदस्यों ने 27 अक्टूबर को शपथ ली. विधानभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम – केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा – और योगी मंत्रिमंडल के कई सदस्य मौजूद रहे.
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इस दौरान जितिन प्रसाद, संजय निषाद, वीरेंद्र सिंह और गोपाल अंजान ने शपथ ली. इस मौके पर यूपी तक से बातचीत में निषाद पार्टी के संजय निषाद ने जातीय गोलबंदी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी चीफ ओम प्रकाश राजभर के समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ जाने के सवाल पर कहा कि कोई जाति किसी की पॉकेट में नहीं रहती.
जानिए, यूपी तक के सवालों पर संजय निषाद ने क्या-क्या जवाब दिए.
बड़ी लंबी जद्दोजहद के बाद आपको विधान परिषद में जाने का मौका मिला है. क्या कहना है?
मैं अपने कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और देश की जनता को बधाई देता हूं. जिन लोगों के पास दो जून की रोटी नहीं थी, हम उनकी आवाज बने हैं. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को भी बधाई दूंगा कि उन्होंने हमें इस लायक समझा, एक प्लेटफॉर्म दिया. अंग्रेजों ने निषादों को उजाड़ा था, पिछली सरकारों ने भी उजाड़ा था.
मुख्यमंत्री और अमित शाह से कई बार आपकी बात हुई, मुलाकात हुई, क्या रणनीति थी?
चुनाव की रणनीति थी. चुनाव की रणनीति हमेशा गोपनीय होती है. 2022 में पता चलेगा. बीजेपी ने जितनी सीटें निर्धारित की हैं उससे ज्यादा मिलेंगी.
चुनावी रणनीति की आप बात कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश में जातीय गोलबंदी हो रही है. ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव के साथ आ गए हैं. आप कैसे बीजेपी के पक्ष में अपने समाज को करेंगे? आपको अब ज्यादा एक्टिव होकर सामने आना होगा?
कोई जाति किसी की पॉकेट में नहीं रहती. लोकतंत्र में लोग बदलाव चाहते हैं. कोई किसी की पॉकेट में नहीं है. जातियों की लड़ाई लड़ी जा सकती है, ये नहीं कहा जा सकता कि वो जाति हमारी पॉकेट में है. आज की तारीख में केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है, उनसे बेहतर कौन लड़ सकता है. मैं अकेले निषादों की लड़ाई नहीं लड़ रहा हूं, सभी निर्बलों की लड़ाई लड़ रहा हूं. निषाद वो है जो अंग्रेजों से लड़ाई लड़ा था, जिसने राम को पार उतारा था, अंग्रेजों और मुगलों को मौत के घाट उतारा था.
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