सपा के गढ़ को बचाने के लिए चाचा की शरण में अखिलेश, शिवपाल यादव को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी

राजीव कुमार

26 Jun 2023 (अपडेटेड: 26 Jun 2023, 12:35 PM)

Uttar Pradesh News: लोकसभा चुनाव होने में अभी एक साल का वक्त है पर लोकसभा में सबसे ज्यादा सांसद भेजने वाले सूबे उत्तर प्रदेश में…

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Uttar Pradesh News: लोकसभा चुनाव होने में अभी एक साल का वक्त है पर लोकसभा में सबसे ज्यादा सांसद भेजने वाले सूबे उत्तर प्रदेश में सियासी गर्मी अभी से तेज हो गई है. चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी राणनीति बना रही है और प्रत्याशियों को भी चेहरे तय करने में भी जुटी हुईं हैं. इसी कड़ी में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी के सूत्रों के हवाले से बड़ी ख़बर आई है. चर्चा है कि आजमगढ़ (Azamgarh) से समाजवादी पार्टी शिवपाल (Shivpal Yadav) यादव को उतार सकती है.

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चाचा को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

मिली जानकारी के मुताबिक आजमगढ़ से लोकसभा (Loksabha election 2024) प्रत्याशी के लिए पार्टी के नेताओं और कार्यकताओं ने एक मत से शिवपाल यादव का नाम आगे किया है. सपा कार्यालय में आजमगढ़ को लेकर एक बड़ी मीटिंग हुई है, जिसमें चुनाव प्रत्याशी के नाम पर सभी का समर्थन पार्टी महासचिव शिवपाल यादव को मिला है. यह भी जानकारी सामने आई है कि इस बारे में पार्टी की ओर से जल्द औपचारिक घोषणा की जाएगी.

लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज

बता दें कि आजमगढ़ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई पार्टी के सभी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विधायक पदाधिकारी के साथ मीटिंग हुई.मीटिंग के दौरान मुख्यता कार्यकर्ताओं की शिकायत का मामला बना रहा. इस दौरान समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों में विधानसभा वार से लेकर बुधवार तक के पदाधिकारियों का लंबे समय तक बनाना, नए लोगों को मौका ना मिलना एक ही पद पर वर्षों से तैनात रहने का आरोप युवाओं और नए नेताओं को चांस ना मिलने का सबसे बड़ा मुद्दा छाया रहा.

पुराना किला फतह करने की रणनीति

गौरतलब है कि आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का पुराना किला रहा है. यहां से 2014 में आजमगढ़ से स्व. मुलायम सिंह यादव सांसद बने थे और लोकसभा पहुंचे थे. वहीं 2019 में आजमगढ़ से अखिलेश यादव ने जीत दर्ज की थी. 2022 चुनाव में विधायक बनने के बाद अखिलेश ने अपनी लोकसभा सदस्यता को छोड़ दी थी. वहीं 2022 में हुए लोकसभा उपचुनाव में यहां से भाजपा के दिनेश लाल यादव ने जीत दर्ज की. वहीं समाजवादी पार्टी एकबार फिर अपने पुराने गढ़ पर  कब्जा जमाने की रणनीति बना रही है.

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