प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के अध्यक्ष और वरिष्ठ विधायक शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष से सदन में उनके बैठने के लिए निर्धारित सीट (स्थान) को बदलने का आग्रह किया है. शिवपाल यादव वर्तमान में इटावा जिले के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं. वहीं, दूसरी तरफ एसपी के वरिष्ठ नेता और रामपुर विधायक आजम खान की सीट बदलने की ऐप्लिकेशन को लेकर कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है. मगर राजनीतिक गलियारों में इस बता की चर्चा तेज है कि आजम भी विधानसभा अध्यक्ष से अपनी सीट (स्थान) का स्थान बदलने की मांग कर सकते हैं.
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शिवपाल की ओर से सीट के बदलने की मांग के कारणों के बारे में विस्तार से पूछे जाने पर, सूत्रों ने कहा, ‘इस बात की सबसे अधिक संभावना है कि वह उनके (समाजवादी पार्टी के विधायकों) के साथ नहीं बैठना चाहते.’
आपको बता दें कि फिलहाल शिवपाल यादव की सीट नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की सीट से अलग ब्लॉक में है और अखिलेश यादव की सीट से थोड़ी पीछे है. शिवपाल सिंह यादव के साथ एसपी विधायक मनोज पारस और अब्दुल्ला आजम की सीट है.
क्या आजम भी बदलेंगे अपनी सीट?
मिली जानकारी के अनुसार, एसपी के वरिष्ठ नेता और रामपुर विधायक आजम खान की सीट बदलने की ऐप्लिकेशन को लेकर कोई औपचारिक पुष्टि नहीं हुई है. मगर आजम खान की सीट अखिलेश यादव के बगल में थी, जिस पर मंगलवार को अवधेश प्रसाद बैठे नजर आए. आजम खान सदन में नहीं थे.
आपको बता दें कि जब से आजम खान सीतापुर जेल से बाहर आएं हैं, तब से राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेज है कि वह एसपी चीफ अखिलेश यादव से नाराज हैं. इसी को देखते हुए इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आजम खान भी विधानसभा अध्यक्ष से अपनी सीट (स्थान) को बदलने की मांग कर सकते हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने करीब 12 विधायकों की सीट बदलने के लिए कहा है. इसकी वजह बैठने की सुविधा बताई गई है. इन विधायकों में समरपाल सिंह, विजमा यादव, स्वामी ओमवेश और गीता शास्त्री शामिल हैं.
क्यों बढ़ रहीं चाचा-भतीजे के बीच दूरियां?
शिवपाल यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव से अनबन के बाद अपनी अलग पार्टी बना ली थी. लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले दोनों में समझौता हो गया था. पूर्व में अपने भतीजे से मनमुटाव के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल ने हाल ही में एसपी के चुनाव चिह्न ‘साइकिल’ पर विधानसभा चुनाव लड़ा था.
शिवपाल और अखिलेश के बीच दरार तब बढ़ गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा को 26 मार्च को हुई सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया था.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद ‘चाचा-भतीजा’ के बीच बढ़ती दूरी के बीच अखिलेश, शिवपाल पर टिप्पणी करने से बचते आए हैं. हाल ही में जब कन्नौज में मीडियाकर्मियों ने अखिलेश से शिवपाल के बारे में सवाल किया तो उन्होंने पत्रकारों को ऐसे मुद्दों पर समय बर्बाद नहीं करने की सलाह दी थी.
शिवपाल से मुलाकात के बाद आजम बोले- अभी तक किसी भी कश्ती के तरफ नहीं गया, लेकिन अब…
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