Sultanpur News: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने गौरीगंज गेस्ट हाउस में एक सुरक्षाकर्मी की गोली मारकर हत्या किए जाने के 40 साल पुराने मामले में पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी समेत दो आरोपियों को बरी कर दिया है.
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अभियोजन अधिकारी कालिका प्रसाद मिश्र ने बृहस्पतिवार को बताया कि 19 सितंबर 1982 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के निधन के बाद उनकी पत्नी मेनका गांधी अपने सहयोगियों के साथ ‘संजय विचार मंच’ पार्टी का गठन कर अमेठी संसदीय क्षेत्र में पार्टी कार्यालय को स्थापित करने गौरीगंज गेस्ट हाउस में रुकी थीं.
मिश्र के मुताबिक, इसी सिलसिले में हरियाणा से आए करनैल सिंह नामक व्यक्ति की बंदूक से संदिग्ध हालात में चली गोली लगने से बस्ती के तत्कालीन सांसद कल्पनाथ सोनकर के सुरक्षा कर्मी टिकोरी सिंह की मौत हो गई थी.
मिश्र ने बताया कि इस मामले में डंपी और जगदीश नारायण मिश्र समेत चार लोगों के खिलाफ हत्या और साक्ष्य मिटाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. बाद में मुकदमे में करनैल सिंह का नाम भी जोड़ा गया था. वह तभी से फरार है.
मिश्र के अनुसार, लगभग 40 साल तक चली अदालती कार्यवाही के दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एमपी/एमएलए अदालत के न्यायाधीश योगेश कुमार यादव ने डंपी और जगदीश नारायण मिश्र को बुधवार को बरी कर दिया.
मिश्र ने बताया कि मामले के दो अन्य आरोपियों कल्पनाथ सोनकर और शीतला सोनकर की मुकदमे पर सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है.
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