पिछले दिनों समाजवादी पार्टी (SP) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के बीच का गठबंधन टूटने के बाद यूपी की राजनीति में एक नई हलचल देखने को मिल रही है. ओम प्रकाश राजभर और उनके पार्टी के नेता सपा, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को लेकर हमलावर हो गए हैं. वहीं, दूसरी अखिलेश के परंपरागत वोट बैंक (मुस्लिम वोट- UP Muslim vote bank) में सेंध लगाने की कवायद भी शुरू हो गई है. इसी कवायद से जुड़ी सियासी हलचल बरेली में दिखी है, जहां उलमा ए इस्लाम ने ओम प्रकाश राजभर को एक ऐसी सलाह दे दी है, जो जाहिर तौर पर अखिलेश को चिंतित करने वाली है.
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बरेली के तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय सचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने ओम प्रकाश राजभर को एक चिट्ठी लिखी है. यूपी के सियासी गलियारे में इस चिट्ठी की खूब चर्चा हो रही है. इस चिट्ठी में मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने राजभर को सलाह दी है कि गठबंधन टूटने के बाद अब वह सपा के खिलाफ आंदोलन चलाएं. मौलाना ने दावा किया है कि यूपी का 50 फीसदी मुस्लिम अखिलेश यादव से दूर जा चुका है और लोकसभा चुनाव आते-आते बाकी मुस्लिमों का भी सपा से मोहभंग हो जाएगा.
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अपनी चिट्ठी के बारे में यूपी तक से बातचीत करते हुए मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बताया, ‘मैंने ओम प्रकाश राजभर को पत्र लिखकर मशवरा दिया है कि उन्होंने सपा से मिलकर यूपी का चुनाव लड़ा था, जिसमें अखिलेश और उन्हें, दोनों को नाकामी मिली. अब जब उन्होंने सपा से खुद कोअलग कर लिया है, तो यह अच्छा कदम है. उनको पहले ही अलग हो जाना चाहिए. मैंने मशवरा दिया है कि सपा के खिलाफ एक मोर्चा बनाएं. शिवपाल, तौकीर रजा जैसे कद्दावर नेताओं को शामिल कर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करें. तंजीम उलमा ए इस्लाम उनका समर्थन करेगी.
उन्होंने आगे कहा, ‘अखिलेश यादव से मुस्लिम हट चुका है. 50 फीसदी हट चुका है. लोकसभा का चुनावआते आते-आते बाकी का 50 फीसदी मुस्लिम भी हट जाएगा.’ मौलाना की तरफ से ओम प्रकाश राजभर को लिखी चिट्ठी को यहां नीचे देखा जा सकता है.
मौलाना शहाबुद्दीन ने आजम खान को भी लपेटे में लिया
अपनी चिट्ठी में मौलाना ने राजभर की तरफ से अखिलेश यादव को एसी कमरे से निकल राजनीति करने की सलाह का भी जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि राजभर ने यह बात अखिलेश यादव के हित में कही थी लेकिन इसे तूल देकर उनकी मुखालफत की गई और इसमे आजम खान आगे रहे. मौलाना ने आगे लिखा है कि रामपुर और आजमगढ़, दोनों लोकसभा सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं और आजम खान ने पुराने अंदाज में मुस्लिमों से वोट की भीख भी मांगी पर सपा को हार का सामना करना पड़ा. मौलाना ने आरोप लगाया है कि आजम खान मुस्लिम कौम की बात नहीं करते बल्कि परिवारवाद की बात करते हैं, जिसकी वजह से मुसलमानों पर उनका प्रभाव खत्म हो चुका है.
मौलाना की ये सलाह बढ़ा देगी अखिलेश की टेंशन
एक तो अखिलेश यादव वैसे ही सियासी चुनौतियों से घिरे नजर आ रहे हैं. ऊपर से मौलान शहाबुद्दीन ने राजभर को ऐसी सलाहें दी हैं कि अखिलेश की सियासी टेंशन और बढ़ने वाली है. मौलाना शहाबुद्दीन ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि, ‘आखिर में आपको (राजभर को) बताना चाहता हूं कि आप श्री शिवपाल जी, मौलाना तौकीर रजा खान और दूसरे लीडरान मिलकर एक मोर्चा बनाएं, और सपा के खिलाफ जबरर्दस्त अंदाज में मुहिम चलाएं. मुसलमानों के मसाइल भी उठाएं, मुसलमान आपके साथ खड़ा नजर आएगा. तंजीम उलमा ए इस्लाम आपका खुलकर समर्थन करती है.’
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