उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रतापगढ़ जिले की रामपुर खास सीट से निर्वाचित विधायक आराधना मिश्रा उर्फ मोना एक बार फिर कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता होंगी.
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कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रविवार को आराधना को भेजे गए पत्र में उन्हें सूचित किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें उत्तर प्रदेश कांग्रेस विधान मंडल दल का नेता नियुक्त किया है.
गौरतलब है कि आराधना पिछली विधानसभा में भी कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता थीं. वर्ष 2017 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद अजय कुमार लल्लू को कांग्रेस विधान मंडल दल का नेता बनाया गया था, लेकिन उन्हें बाद में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद आराधना को यह जिम्मेदारी सौंपी गई.
पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से कांग्रेस ने सात सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार अजय कुमार लल्लू अपनी परंपरागत सीट कुशीनगर जिले की तमकुहीराज से चुनाव में बीजेपी के डॉ. असीम कुमार से हार गए. बाद में उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया.
इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें मिलीं, जिनमें प्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट से आराधना पुन: चुनकर आई हैं, जबकि महराजगंज जिले की फरेंदा सीट से जीते वीरेंद्र चौधरी कांग्रेस के दूसरे विधायक हैं. चौधरी ने पहली बार चुनाव जीता है, जबकि आराधना तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुई हैं.
बता दें कि आराधना के पिता प्रमोद तिवारी भी लंबे समय तक कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता रहे थे और 1980 से 2012 तक वह रामपुर खास सीट से लगातार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतते आए थे.
वर्ष 2013 में तिवारी के राज्यसभा में जाने के बाद कांग्रेस ने आराधना को यूपी चुनाव में उम्मीदवार बनाया और वह अपने पिता की परंपरागत सीट जीतने में कामयाब रहीं. इसके बाद 2017 में भी उन्होंने इस सीट पर जीत बरकरार रखी और 2022 में हैट्रिक लगाई.
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