उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पांच चरणों के मतदान के बाद अब बाकी 2 फेज की वोटिंग पूर्वांचल की 111 सीटों पर होनी है. इस बीच, बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने दावा किया है कि ‘80% वोट हमारा है, 20 फीसदी में बंटवारा है.’
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गोरखपुर की चिल्लूपार सीट की लड़ाई बहुत मुश्किल होने के सवाल पर संजय निषाद ने कहा, “कोई मुश्किल नहीं है, जिस चुनाव में निषाद खड़ा रहता है, वह नाव कभी डूबने नहीं देता है. चिल्लूपार में हम लोग 50-60 हजार वोटों से ऊपर चल रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “2017 में एसपी और कांग्रेस का बहुत बड़ा गठबंधन था, लेकिन डॉ. संजय चुनाव लड़ गए, तो हाथी और पंजा साफ हो गई और साइकिल हाफ हो गई. 2019 में एसपी और बीएसपी का बहुत बड़ा गठबंधन था, उस समय निषाद समाज पीएम मोदी के साथ खड़ा हो गया, तब ऐतिहासिक जीत पूर्वांचल में मिली थी.”
उन्होंने कहा, “राजीव गांधी 100 रुपये भेजते हैं, तो 50 रुपये ही दलाल खा जाते थे तो मोदी जी ने उसका सिस्टम बना दिया…सब दलाल हलाल हो गए और जनता मालामाल हो गई.”
अखिलेश यादव कह रहे हैं कि इस बार उनके गठबंधन में ओपी राजभर हैं और पिछड़ा समाज इस बार उनके कॉम्बिनेशन को देख रहा है तो संजय राजभर को इस चुनाव में कैसे देख रहे हैं क्योंकि पूर्वांचल में तो राजभर बहुत बड़े स्टेक होल्डर माने जाते हैं? इसके जवाब में संजय ने कहा, “पहले तो उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए क्योंकि पिछड़ों के नाम पर वो जो नुमाइंदगी कर रहे हैं…साल 2014 से क्यों पिछड़े उनसे दूर हो गए. सत्ता में रहने के बाद पिछड़े के नाम दो कानून भी बना देते.”
उन्होंने आगे कहा, “राजभर भैया क्या कहेंगे, वो तो 17-18 साल से राजनीति कर रहे थे जमानत जब्त हो रही थी…मोदी जी के साथ आए चार सीटें जीते फिर पागल बन गए…फिर सुबह अखिलेश जी के यहां चाय पीते हैं, दोपहर में दयाशंकर जी के यहां जलेबी खाने जाते हैं.”
संजय ने राजभर पर निशाना साधते हुए कहा, “2019 में इलेक्शन लड़े थे, जमानत जब्त हो गई, जब वोट ही नहीं है तो किस मुंह से लड़ेंगे. पिछड़ों के लिए, गरीबों के लिए, सभी जाति धर्म के लिए…हम कहते हैं 80% वोट हमारा है, 20 फीसदी में बंटवारा है.”
संजय निषाद का बड़ा आरोप, ‘थाली के बैंगन हैं राजभर, सुबह अखिलेश संग चाय, रात को BJP’
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