Uttar Pradesh By-Election 2024 : उत्तर प्रदेश 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों के एलान होते ही सूबे में एक बार फिर सियासी जंग की पिच तैयार हो गई है. यूपी के 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए वोटिंग 13 नवंबर को होगी और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी. वहीं अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर फिलहाल उपचुनाव नहीं होंगे, जिस पर पूरे प्रदेश की निगाहें थीं. जानकारी के अनुसार, हाईकोर्ट में दायर याचिका की वजह से मिल्कीपुर में उपचुनाव की तिथि की घोषणा नहीं हो सकी है.
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वहीं लोकसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन के हाथों यूपी में हार झेलने के बाद बीजेपी उपचुनाव पर पूरी तरह से फोकस है. उधर अखिलेश यादव भी लोकसभा विक्ट्री के मोमेंट को बरकरार रखना चाहते हैं. BJP अपनी खोई हुई ज़मीन वापस पाने के लिए यूपी में पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं जिन सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, लोकसभा चुनाव के नतीजों के माध्यम से जानते हैं वहां किसका पलड़ा भारी है.
इन सीटों पर होंगे चुनाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर उपचुनाव होने हैं जिनमें- कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, मैनपुरी की करहल, मिर्जापुर की मझवां, अंबेडकरनगर की कटेहरी, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुरादाबाद की कुंदरकी और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट शामिल है.
करहल सीट
लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है. जिसके बाद खाली हुई इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. बता दें कि अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद बने हैं. मैनपुरी लोकसभा में आने वाली करहल में लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां पर सपा को 1,34,049 वोट मिले वहीं बीजेपी को 76,509 वो़ट मिले. सपा यहां से करीब 57 हजार वोटों से आगे रही. लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक उपचुनाव में यहां सपा का पलड़ा भारी रह सकता है. 2022 में अखिलेश यादव नें विधानसभा में 67 हजार से जीत दर्ज की थी.
खैर विधानसभा
लोकसभा चुनाव में मिली जीत बीजेपी विधायक अनूप प्रधान अलीगढ़ के खैर सीट से इस्तीफा दे दिया है. अनूप प्रधान के इस्तीफे के बाद अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट उपचुनाव होना है. बता दें कि अनूप प्रधान हाथरस से सांसद चुने गए हैं. उन्होंने 2,47,318 वोटों से जीत दर्ज की है. इस लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां पर सपा को 95,391 वोट मिले वहीं बीजेपी को 93,900 वो़ट मिले. सपा यहां से 1491 वोटों से आगे रही. लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक उपचुनाव में यहां सपा का पलड़ा भारी रह सकता है. जबकि 2022 में खैर सीट पर बीजेपी के अनुप प्रधान बाल्मीकि ने बसपा के चारु कैन को 74 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.
कुंदरकी विधानसभा
कुंदरकी विधानसभा, संभल लोकसभा सीट में आती है. लोकसभा चुनाव में संभल सीट पर जियाउर्रहमान बर्क जीतने के बाद कुंदरकी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है. कुंदरकी सीट पर समाजवादी पार्टी के जियाउर्रहमान बर्क विधायक थे. जियाउर्रहमान बर्क इस्तीफे के बाद कुंदरकी विधानसभा सीट उपचुनाव होना है. इस लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां पर सपा को 1,43,415 वोट मिले वहीं बीजेपी को 86,371 वो़ट मिले. सपा यहां से करीब 57 हजार वोटों से आगे रही. लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक उपचुनाव में यहां सपा का पलड़ा भारी रह सकता है. जबकि 2022 का चुनाव सपा ने 43 हजार वोटों से इस विधानसभा सीट को जीता था.
मझवा विधानसभा
मिर्जापुर लोकसभा मेंआने वाली मझवा बीजेपी के सहयोगी निषाद पार्टी के विधायक विनोद बिंद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. विनोद बिंद बीजेपी के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट से जीत दर्ज की हैं. मझवा में लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां पर सपा को 92,299 वोट मिले वहीं बीजेपी के सहयोगी अपना दल (S) को 94,061 वो़ट मिले. भाजपा सहयोगी यहां से 17, 62वोटों से आगे रहे. लोकसभा चुनाव के नतीजों के मुताबिक उपचुनाव में यहां भाजपा सहयोगी का पलड़ा भारी रह सकता है. 2022 चुनाव में निषाद पार्टी ने करीब 33 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी.
फूलपुर विधानसभा
फूलपुर विधानसभा से बीजेपी के प्रवीण पटेल विधायक थे, जो 2024 के लोकसभा में सांसद चुने गए हैं. वहीं प्रवीण पटेल के इस्तीफे के बाद फूलपुर विधानसभा सीट उपचुनाव होना है इस लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो यहां से सपा को भाजपा के मुकाबले 18 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने तीन हजार वोट से दर्ज की थी.
गाजियाबाद विधानसभा
गाजियाबाद विधानसभा सीट बीजेपी के अतुल गर्ग के इस्तीफे के बाद खाली हुई है.अतुलगर्ग अब गाजियाबाद से सांसद हैं. अतुल गर्ग के इस्तीफे के बाद गाजियाबाद विधानसभा सीट उपचुनाव होना है. वहीं बात करें इस लोकसभा चुनाव की तो गाजियाबाद विधानसभा सीट पर 1,37, 206 वोट मिले वहीं कांग्रेस की डॉली शर्मा को 73, 950 वोट मिले. भाजपा इस सीट से करीब 63 हजार वोट से आगे रहा. इस नतीजे के आधार पर कहा जा सका है कि उपचुनाव में फिलहाल यहां से भाजपा सहयोगी का पलड़ा भारी है. 2022 के विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी ने एक लाख से ज़्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी.
मीरापुर विधानसभा
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद जो मीरापुर विधानसभा सीट से दीपक सैनी ने इस्तीफ दे दिया है. मीरापुर विधानसभा बिजनौर लोकसभा के अंतर्गत आती है. दीपक सैनी के इस्तीफे के बाद मीरापुर विधानसभा सीट उपचुनाव होना है. बात करें इस लोकसभा के नतीजों की तो मीरापुर विधानसभा में रालोद को 72,320 वोट मिले तो वहीं सपा के दीपक सैनी को 63,351 वोट मिले. भाजपा सहयोगी इस सीट से करीब 9 हजार वोट से आगे रहे. इस नतीजे के आधार पर कहा जा सका है कि उपचुनाव में फिलहाल यहां से भाजपा सहयोगी का पलड़ा भारी है. 2022 में रालोद ने सपा के साथ चुनाव लड़ा था, तब वो इस सीट पर 27 हजार वोटो से आगे थे. इस बार रालोद का बीजेपी के साथ गठबंधन हैं.
कटेहरी विधानसभा
कटेहरी विधानसभा सीट अंबेडकरनगर जिले में आती है. अंबेडकरनगर लोकसभा चुनाव जीतने के बाद लालजी वर्मा ने कटेहरी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. लाल जी वर्मा के इस्तीफे के बाद मीरापुर विधानसभा सीट उपचुनाव होना है. 2022 में कटेहरी में कुल 37.78 प्रतिशत वोट पड़े। 2022 में समाजवादी पार्टी से लालजी वर्मा ने अवधेश कुमार को 7696 वोटों के मार्जिन से हराया था.
सीसामऊ विधानसभा
सीसामऊ विधानसभा सीट कानपुर नगर जिले में आती है. कानपुर नगर लोकसभा चुनाव जीतने के बाद समाजवादी पार्टी से हाजी इरफान सोलंकी को एक आगजनी के मामले में उनकी विधायकी चली गई. जिसके बाद सीसामऊ विधानसभा सीट पर इरफान सोलंकी के इस्तीफे के बाद सीसामऊ विधानसभा सीट उपचुनाव होना है. 2022 में सीसामऊ में कुल 50.68 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2022 में समाजवादी पार्टी से हाजी इरफान सोलंकी ने भारतीय जनता पार्टी के सलिल विश्नोई को 12266 वोटों के मार्जिन से हराया था. सोलंकी तीन बार सपा विधायक रहे हैं, लेकिन उनसे पहले दो बार कांग्रेस ने यह सीट जीती थी.
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