UP Bypoll News: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की नौ सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए मतदान अब 13 नवंबर के बजाये 20 नवंबर को होगा. इन्हीं उपचुनाव को लेकर सूबे का सियासी पारा इन दिनों चढ़ा हुआ है. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी से लेकर विपक्षी सपा और कांग्रेस अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं. इस बीच लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर इन उपचुनावों में कौनसी पार्टी बाजी मारेगी. आप इस खबर में आगे यह जानिए कि उपचुनाव से पहले इन 9 सीटों पर किस-किस पार्टी का कब्जा था?
ADVERTISEMENT
सभी सीटों का जानिए हाल
करहल 1993 से सपा का गढ़ माना जाता है. इसपर मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप यादव और भाजपा के अनुजेश यादव के बीच आमना-सामना होगा. 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी पर समाजवादी पार्टी ने कब्जा किया था, जबकि भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद और खैर पर जीत दर्ज की थी. वहीं, रालोद ने मीरापुर सीट जीती थी और निषाद पार्टी मझवां सीट पर विजयी हुई थी.
आपको बता दें कि इनमें से सीसामऊ को छोड़कर बाकी सीटों से विधायकों ने लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. सीसामऊ सीट से विधायक रहे इरफान सोलंकी एक आपराधिक मामले में सजा सुनाये जाने के कारण विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य हो गए हैं.
जानें मीरापुर के दलित समाज ने क्या कहा?
मीरापुर सीट पर मुकाबला इस बार रोचक है. यहां रालोद, सपा, बसपा और आजाद समाज पार्टी के कैंडिडेट के बीच सीधा मुकाबला बताया जा रहा है. क्षेत्र के दलित समाज में अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अपेक्षा आजाद समाज पार्टी (ASP) के प्रति ज्यादा रुझान दिखाई दे रहा है. समुदाय का कहना है कि अब वे चंद्रशेखर आजाद को अपना नेता मान रहे हैं. यूपी Tak से बातचीत में दलित समाज के अधिकांश लोगों ने कहा कि वे इस बार आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार जाहिद हुसैन के समर्थन में हैं.
कुंदरकी उपचुनाव: सपा या भाजपा, इस सीट पर कौन पड़ रहा भारी?
कुंदरकी सीट को लेकर यूपी Tak ने मुरादाबाद के वरिष्ठ पत्रकारों- काशिफ खान, दीप चंद जोशी, शाहनवाज इलियास, अविनाश कुमार से जाना कि कुंदरकी सीट पर कौन मजबूत दावेदार है और कौन सी पार्टी ताकत में दिखाई दे रही है? पत्रकारों ने बताया कि कुंदरकी विधानसभा सीट पर सीधे-सीधे समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच टक्कर दिखाई दे रही है. जो कि पिछले तीन दशक से चलती आ रही है. पत्रकारों ने कहा कि अगर वोट का पोलराइजेशन होता है तो 31 साल का भाजपा का सूखा कुंदरकी में खत्म हो सकता है.
करहल के दलितों ने अखिलेश-डिंपल को लेकर ये क्या कह दिया?
क्यों बदली गई उपचुनाव की तारीख?
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चन्द्रशेखर ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों (भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी एवं राष्ट्रीय लोक दल) तथा कुछ सामाजिक संगठनों से 13 नवंबर 2024 को बड़े पैमाने पर सामाजिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक व्यस्तताओं के कारण लोगों की असुविधा एवं मतदाताओं की भागीदारी कम होने संबंधी प्राप्त प्रत्यावेदनों के मद्देनजर उपचुनाव के लिए मतदान तिथि में संशोधन किया गया है.
ADVERTISEMENT