उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सात चरणों की वोटिंग खत्म होने के बाद 7 मार्च को कई प्रमुख चैनलों और एजेंसियों ने एग्जिट पोल्स के आंकड़े सामने रखे. इनमें ज्यादतर एग्जिट पोल्स ने यूपी में फिर से बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने का अनुमान लगाया. वहीं, एग्जिट पोल्स में पिछड़ने के बावजूद समाजवादी पार्टी (एसपी) के तेवरों ने आक्रामकता देखने को नहीं मिल रही है. समाजवादी पार्टी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, “10 मार्च 300 पार, 10 मार्च सपा सरकार.”
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दूसरी तरफ 10 मार्च को नतीजे आने से पहले यूपी में ईवीएम को लेकर बवाल शुरू हो गया है. बता दें कि 8 मार्च को वाराणसी के पहड़िया मंडी में स्थित खाद्य गोदाम के पास सपाइयों ने उस समय जबरदस्त हंगामा कर दिया जब खाद गोदाम के स्टोरेज से ईवीएम निकल कर ट्रेनिंग स्थल स्थित यूपी कॉलेज के लिए जा रही थीं.
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ईवीएम लदे वाहनों को रुकवाकर वहां जमकर बवाल काटा और नारेबाजी करते हुए पुलिस वालों से भी जमकर धक्का-मुक्की की.
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ईवीएम को बदला जा रहा है, तो वहीं इसके ठीक उलट वाराणसी के जिला निर्वाचन अधिकारी यानी जिलाधिकारी ने अपना लिखित में बयान जारी किया है.
बवाल के बाद सरकार ने दी सफाई
अपर मुख्य सचिव (सूचना) ने सफाया जारी करते हुए बताया, “प्रशिक्षण हेतु EVM मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से UP कॉलेज जा रही थी, जिसे कुछ राजनीतिक लोगों ने वाहन को रोक कर उसे चुनाव में प्रयुक्त EVM कह कर अफवाह फैलाई है. कल (बुधवार) काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की द्वितीय ट्रेनिंग है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं.
उन्होंने आगे कहा, “जो EVM चुनाव में प्रयुक्त हुई थीं वे सब स्ट्रॉन्ग रूम में CRPF के कब्जे में सील बंद हैं और उसमें CCTV की निगरानी है, जिसे सभी राजनीतिक दलों के लोग देख रहे हैं.”
वहीं, इसी को लेकर एसपी चीफ अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. एसपी चीफ ने आरोप लगते हुए कहा, “
“क्या वजह है कि बिना सुरक्षा के EVM मशीनों को ले जाया जा रहा है. बिना प्रत्याशी के जानकारी के आप EVM के एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जा सकते हैं. आखिर सुरक्षाबलों के साथ EVM मीशनों क्यों नहीं जा रही थी.”
अखिलेश यादव
उन्होंने आगे कहा, “कल (सोमवार) जो एग्जिट पोल के नतीजें आए हैं, उससे ये लोग यह सोच बनाना चाहते हैं कि बीजेपी जीत रही है, जिससे वे अगर चोरी भी करें, तो वह भी पता ना लगे कि चोरी हुई है. यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है.”
एसपी मुखिया अखिलेश ने आरोप लगाते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश का चुनाव लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई है. इसके बाद लोगों को क्रांति करनी होगी तभी बदलाव आएगा. मैं अपनी पार्टी के लोगों से कहूंगा कि जहां पर मशीनें रखी गई हैं, वहां पर जब तक काउंटिंग ना हो जाए तब तक वहां किसी का आना जाना ना हो और उसपर नजर बनाए रखें.”
वहीं, समाजवादी पार्टी ने मतगणना को लेकर प्रदेश भर के पदाधिकारियों, जिला, महानगर अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, विधानसभा अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों को पत्र जारी कर कुछ निर्देश दिए.
समाजवादी पार्टी के अनुसार,
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“बीजेपी के इशारे पर कुछ प्रायोजित एग्जिट पोल भ्रम फैलाने के लिए दिखाए जा रहे हैं, बीजेपी की तमाम साजिशों की तरह यह भी साजिश का हिस्सा.”
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“पश्चिम बंगाल चुनाव में भी कुछ न्यूज चैनल बीजेपी के पक्ष में आंकड़े बाजी कर रहे थे, लेकिन जनादेश सुश्री ममता बनर्जी के पक्ष में गया.”
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“यूपी विधानसभा के एग्जिट पोल का भी यही हश्र होना तय.”
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“सोशल मीडिया पर एक्टिव होकर साथियों को सतर्क करते रहें.”
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“मतगणना के दिन मतगणना स्थल पर भारी संख्या में कार्यकर्ता, नेता, समर्थक, मतदान अभिकर्ता मौजूद रहें.”
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“सभी प्रत्याशी अभिकर्ता ईवीएम की गिनती समाप्त होने से पहले ही डाक मतपत्रों की गिनती के लिए लगातार दबाव बनाएं.”
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“बीजेपी की रणनीति पोस्टल बैलट प्रभावित करके कम से कम एक अतिरिक्त सीट प्रति जिले छोटे अंतर से हासिल करने की है, हमें उनके प्रयासों को निष्फल करने की जरूरत है.”
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“जीत का प्रमाण पत्र मिलने तक पूरी मुस्तैदी से मतगणना केंद्र पर काउंटिंग एजेंट डटे रहें, आपकी सजगता और सतर्कता सफलता की गारंटी है.”
‘एग्जिट पोल्स की तस्वीर भ्रामक’, शिवपाल-जयंत का दावा- ‘UP में बनेगी SP गठबंधन की सरकार’
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