उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी को मंगलवार, 25 जनवरी को एक बड़ा झटका लगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह मंगलवार को कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए.
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बीजेपी में शामिल होने के मौके पर आरपीएन सिंह ने कहा कि कुछ ही सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र निर्माण में जो कार्य किया है, पूरा देश उसकी सराहना कर रहा है. इसके अलावा, आरपीएन सिंह ने कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ भी की.
कौन हैं आरपीएन सिंह?
25 अप्रैल 1964 को जन्मे आरपीएन सिंह का पूरा नाम रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. कुशीनगर जिले के पडरौना से ताल्लुक रखने वाले आरपीएन सिंह ओबीसी समुदाय से हैं. पडरौना में लोग इन्हें ‘राजा साहेब’ कहकर भी पुकारते हैं. बता दें कि आरपीएन सिंह के पिता का नाम सीपीएन सिंह था जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार में मंत्री रहे थे, जबकि इनकी मां का नाम मोहिनी देवी था.
आरपीएन सिंह की 7 दिसंबर 2002 को पत्रकार सोनिया सिंह से शादी हुई थी. आरपीएन सिंह और सोनिया सिंह की 3 बेटियां भी हैं. लोकसभा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, आरपीएन सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई की है. बता दें कि पिता सीपीएन सिंह की हत्या के बाद आरपीएन सिंह राजनीति में आए थे.
क्या है आरपीएन सिंह का राजनीतिक इतिहास?
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आरपीएन सिंह साल 1996, 2002 और 2007 में लगातार तीन बार पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं.
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साल 1997 से 1999 तक वह उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे.
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इसके बाद साल 2003 से 2006 तक आरपीएन सिंह AICC के सचिव रहे.
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साल 2009 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह तत्कालीन बीएसपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को हराकर पहले बार सांसद बने थे.
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30 मई 2009 से 18 जनवरी 2011 तक आरपीएन सिंह यूपीए सरकार में सड़क, परिवहन और राजमार्ग मामलों के राज्य मंत्री रहे.
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इसके बाद 18 जनवरी 2011 से 28 अक्टूबर 2012 तक वह पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री रहे.
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बाद में 28 अक्टूबर 2012 को वह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नियुक्त हुए.
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आरपीएन सिंह 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं.
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वर्तमान में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे.
गौरतलब है कि सोमवार, 24 जनवरी को कांग्रेस पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए अपने 30 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में आरपीएन सिंह का नाम भी शामिल था.
बता दें कि आरपीएन सिंह पिछड़ी जाति सैंथवार-कुर्मी से आते हैं. पूर्वांचल में सैंथवार जाति के लोगों की तादाद अच्छी खासी है. ऐसे में यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आरपीएन सिंह का साथ आना बीजेपी के लिए अहम माना जा रहा है.
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि आरपीएन सिंह को बीजेपी कुशीनगर की पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव लड़वा सकती है. गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में पडरौना सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य की जीत हुई थी, जो कुछ दिन पहले ही बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं.
(संतोष सिंह के इनपुट्स के साथ)
आरपीएन सिंह के इस्तीफे पर कांग्रेस बोली- ‘हमारी लड़ाई कायर नहीं लड़ सकते’
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