उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश बढ़ गई है. जातिगत समीकरण को साधने के लिए तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं. इसी क्रम में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ‘सामाजिक सम्मेलन’ आयोजित किया. इसको संबोधित करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने दलितों को लेकर एक बड़ा बयान दिया.
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इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा,
“आपके नजदीक रहने वाले 100 दलितों के यहां चाय पियो. उसको समझाओ मतदान जाति के नाम पर नहीं होता है, मतदान पैसे के नाम नहीं नहीं होता है, मतदान क्षेत्रवाद के नाम नहीं होता है. मतदान राष्ट्रवाद के नाम पर होता.”
स्वतंत्र देव सिंह, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
इसके आगे उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा, “भारत माता की स्वतंत्रता के लिए जो सैनानी फांसी पर लटक गए मित्रों, उनके परिवार का कौन विधायक-सांसद है?”
इसके अलावा स्वतंत्र देव ने कहा,
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“लोग जातिवाद, तुष्टीकरण और अलगाववाद के नाम पर चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हम राष्ट्रवाद के नाम पर चुनाव लड़ते हैं. अब तय आपको करना है कि आपको तोड़ने वाला चाहिए या जोड़ने वाला.”
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“शामली के व्यापारी को गोली मार दी जाती थी, परिवार के परिवार पलायन कर जाते थे. आज किसी की हैसियत नहीं है कि कोई व्यापारी को, गरीब को परेशान करे.”
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“पिछली सरकार में मियां जी का फोन आ जाता था और सहारनपुर का गुंडा छोड़ दिया जाता था, लेकिन आज ऐसा सम्भव नहीं है.”
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“आदरणीय मोदी और योगी जैसे तपस्वी नेता कहां मिलेंगे, मोदी जी परिवार में कोई आज भी किसी सरकारी गाड़ी से नहीं जा सकता, योगी जी प्रदेश की जनता की सेवा के लिए अपने पिता के देहांत पर नहीं गए, इससे पहले क्या होता था आपने देखा है.”
CM योगी ने कहा- ‘चंद्रगुप्त मौर्य से जो हारा, उस सिकंदर को महान बताया’, पर क्या यह सच है?
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