UP MLC चुनाव LIVE: 98 प्रतिशत से अधिक हुआ मतदान, रायबरेली में सबसे ज्यादा वोटिंग

यूपी तक

• 01:24 PM • 09 Apr 2022

उत्तर प्रदेश में शनिवार, 9 अप्रैल को विधान परिषद चुनाव के लिए वोटिंग हुई. शाम चार बजे तक मतदान समाप्त हो गया और कुल 98…

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उत्तर प्रदेश में शनिवार, 9 अप्रैल को विधान परिषद चुनाव के लिए वोटिंग हुई. शाम चार बजे तक मतदान समाप्त हो गया और कुल 98 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई.

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बता दें कि इस चुनाव में एसपी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला रहा, क्योंकि कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने विधान परिषद चुनाव में अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा. हालांकि कुछ निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतरे. मतों की गिनती 12 अप्रैल को होगी. बता दें कि विधान परिषद चुनाव के लिए 36 सीटों पर मतदान होना था, लेकिन बीजेपी के 9 प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिए गए हैं, लिहाजा अब 27 सीटों पर वोटिंग हुई.

प्रदेश की 100 सदस्यीय विधानपरिषद में इस समय बीजेपी के 35 सदस्य हैं, जबकि एसपी के 17, बीएसपी के चार और कांग्रेस, अपना दल निषाद पार्टी और निर्दल समूह का एक-एक सदस्य है. शिक्षक दल के दो सदस्य हैं, जबकि एक निर्दलीय सदस्य है.

बता दें कि राज्य विधानपरिषद की 36 सीट पिछली सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं. सदन में 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है.

एक अप्रैल को पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा था, ‘‘प्रदेश में 36 सीट पर विधानपरिषद के चुनाव वर्तमान में हो रहे हैं. उनमें से नौ सीट पर बीजेपी निर्विरोध जीत चुकी है. अगर ये सभी 36 सीट बीजेपी जीतती है तो मानकर चलिए कि बीजेपी के पास विधानपरिषद में दो-तिहाई से अधिक सदस्य होंगे.’’

आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि आदित्यनाथ, जो गोरखपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी हैं, शनिवार को गोरखपुर में नगर निगम के मतदान केंद्र पर अपना वोट डालेंगे. स्थानीय प्रशासनिक क्षेत्र के विधानपरिषद चुनाव में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, खंड विकास परिषदों के अध्यक्ष एवं सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष और नगरीय निकायों के पार्षद मतदाता होते हैं. इसके अलावा विधायक और सांसद भी इस चुनाव में वोट डालते हैं.

एसपी मुख्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, अखिलेश यादव ने कहा कि विधान परिषद के चुनाव में नौ अप्रैल को होने वाले मतदान में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को विशेष प्रबंध करने चाहिए क्योंकि जिस तरह से मुख्यमंत्री और दूसरे भाजपा नेता विधान परिषद की सभी सीटें जीत लेने का बयान दे रहे हैं उससे सरकार की मंशा पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है.

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