उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव (Nikay Chunav) करीब हैं. निकाय चुनावों को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. बता दें कि इस बार उत्तर प्रदेश होने वाले निकाय चुनाव में शहरी निकायों की संख्या 763 होगी. गौरतलब है कि 2017 के चुनावों में कुल 652 शहरी निकायों में मतदान हुआ था. इस बार के चुनावों में 111 वॉर्ड नए हैं, जिनमें मतदान किया जाएगा. इसलिए अब शहरी निकायों की संख्या 652 से बढ़कर 763 हो गई है.
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आपको यह भी बता दें कि इस बार के निकाय चुनावों में 241 शहरी वॉर्ड में आरक्षण नए सिरे से लागू किया जाएगा तो वहीं बाकी बचे 522 शहरी वार्ड में पुराने वोटरों के आंकड़ों से ही आरक्षण तय किया जाएगा.
बता दें कि नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के आरक्षण अलग-अलग तय होंगे. चुनावों में एससी के लिए 21 प्रतिशत आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण तय है. इसी के साथ कुल सीटों पर महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटे आरक्षित होगी.
गौरतलब है कि वॉर्डों का आरक्षण तय करने के लिए शासन ने शहरी निकायों को आदेश भी दे दिए हैं. बता दें कि अगर किसी वॉर्ड में 50 प्रतिशत से ज्यादा नई आबादी है तो उसे नया वॉर्ड मान कर आरक्षण तय किया जाएगा.
नवंबर के अंत में हो सकते हैं चुनाव
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में नवंबर के आखिर में निकाय चुनाव हो सकते हैं. चुनावों को लेकर तैयारियां भी तेज हो गई है. एक तरफ जहां उम्मीदवार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ चुनाव आयोग और जिला प्रशासन ने भी चुनावों को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं.
इसी के साथ निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक दलों ने भी कमर कंसनी शुरू कर दी है. भाजपा-बसपा और सपा लगातार चुनावों को लेकर रणनीति बना रही हैं. भाजपा ने तो अपनी रणनीति के तहत अभियान भी लॉन्च कर दिया है. भाजपा, मतदाता पुनरीक्षण अभियान चलाने जा रही है, जिसमें मताधिकार का प्रयोग करने वाले लोगों के नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाने के लिए संपर्क किया जाएगा. इसी के साथ प्रदेश के हर शहर के वॉर्ड में इस अभियान को अंजाम दिया जाएगा. जिसके लिए ये अभियान 1 नवंबर से शुरू होगा.
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