UP BJP अध्यक्ष बोले- ‘मैं भी पन्ना प्रमुख’, जानिए क्या है पार्टी का पूरा प्लान

शिल्पी सेन

• 09:14 AM • 08 Oct 2021

उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कई मोर्चे पर अभियान चला रही है. इसी क्रम में पार्टी…

UPTAK
follow google news

उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कई मोर्चे पर अभियान चला रही है. इसी क्रम में पार्टी ने पन्ना प्रमुखों को लेकर सोशल मीडिया पर एक अभियान शुरू किया है. इसके तहत पार्टी के पन्ना प्रमुख सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर लगाकर ‘मैं भी पन्ना प्रमुख’ पोस्ट कर रहे हैं. इस अभियान का मकसद बूथ स्तर पर पार्टी को और सक्रिय करना है.

यह भी पढ़ें...

यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए माइक्रो मैनेजमेंट पर खास ध्यान दे रही बीजेपी का यह अभियान शुक्रवार से शुरू हुआ है, जिसके तहत पार्टी के पन्ना प्रमुख सोशल मीडिया पर इस स्लोगन को भी लिखेंगे ‘सोच ईमानदार काम दमदार, फिर आएगी भाजपा सरकार’.

खास बात यह है कि पार्टी के पन्ना प्रमुख यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और दिनेश शर्मा, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी के बड़े चेहरे भी हैं.

इसी रणनीति के तहत स्वतंत्र देव सिंह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर शेयर कर कहा, ”जिला जालौन, उरई नगर प्रथम मंडल, बूथ क्र• 367, पन्ना नं 36 का “मैं भी पन्ना प्रमुख”…”

इस अभियान से पार्टी बूथ स्तर पर सक्रियता बढ़ाकर जमीनी कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय करना चाहती है. यह अभियान 15 अक्टूबर तक चलेगा.

कौन हैं पन्ना प्रमुख?

बीजेपी अपनी ताकत बूथ मैनेजमेंट को मानती रही है. ऐसे में बूथ के पन्ने (एक पेज पर नाम) का भी एक इंचार्ज नियुक्त किया जाता है. बीजेपी इस प्रयोग को पहले भी कर चुकी है. यह बात सुर्खियों में तब आई, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम पन्ना प्रमुख के रूप में सामने आया. अमित शाह गांधीनगर के नारणपुरा के बूथ नंबर 38 के पेज (पन्ना) नंबर 7 के प्रमुख बने.

दरअसल, जनवरी में लखनऊ दौरे पर आए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी बताया था कि पन्ना प्रमुखों की पार्टी में कितनी अहमियत है. इसके लिए अमित शाह के भी पन्ना प्रमुख के तौर पर जिम्मेदारी संभालने की बात उन्होंने मंच से बताई थी. इसका मकसद था बूथ अध्यक्षों को उत्साहित करना.

अब यूपी में विधानसभा चुनाव करीब आते ही पार्टी ने पन्ना प्रमुखों को लेकर अपनी रणनीति को धार देनी शुरू कर दी है. पन्ना प्रमुख अभियान में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ मंडल स्तर से ऊपर के सभी कार्यकर्ता भी शामिल होंगे. मतदाता सूची में जिस पेज पर जिसका नाम है वो उस पन्ने का प्रमुख होगा. अगर एक ही पेज पर कई कार्यकर्ताओं का नाम है तो वहां ‘पन्ना समिति’ काम करेगी और एक पन्ना प्रमुख होगा. पन्ना प्रमुख के जिम्मे उस पन्ने के वोटरों को बूथ तक लाना सुनिश्चित करना, वोट डलवाने का काम होता है. वही उस पन्ने का इंचार्ज माना जाता है.

पन्ना प्रमुख जैसी व्यवस्था बीजेपी संगठन के लिए नहीं बात नहीं है, पर जमीनी स्तर के चुनावी प्रबंधन बूथ मैनेजमेंट को इस बार सोशल मीडिया से जोड़ देना नई बात है. इसके पीछे जहां लगभग 35 लाख कार्यकर्ताओं (पन्ना प्रमुखों) को सक्रिय करना है, वहीं इसका मनोवैज्ञानिक प्रभाव जमीनी कार्यकर्ताओं पर भी पड़े इसके लिए भी ये रणनीति बनाई गई है.

पार्टी के महामंत्री जेपीएस राठौड़ कहते हैं, ”बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है. ऐसे में कोशिश ये रहती है कि सिर्फ पौधे की पत्तियों में ऊपर से ही पानी न डाला जाए उसको जड़ों से सींचा जाए. हमारे कार्यकर्ता हमारी ताकत हैं और निश्चित रूप से अगर बड़े पदाधिकारी, नेता भी पन्ना प्रमुख के रूप में ऐसा करते हैं तो इससे संदेश जाता है.”

अखिलेश यादव बोले – ‘बीजेपी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी एक छलावा’

    follow whatsapp