उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद अब हर दिन सियासी तपिश बढ़ती जा रही है. प्रदेश के सियासी रण में एक तरफ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) योगी आदित्यनाथ सरकार की ‘उपलब्धियां’ गिनाने में लगी है, तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं.
ADVERTISEMENT
यूपी में चुनाव को लेकर जारी सियासी सरगर्मियों के बीच हर कोई जानना चाहता है कि आखिर बाजी किसके हाथ लगेगी? इस बीच, यूपी चुनाव को लेकर इंडिया टीवी का एक ओपिनियन पोल सामने आया है, हम आपको इसके आंकड़े बताने जा रहे हैं.
यूपी में किसे कितनी सीटें मिलने का संकेत?
‘इंडिया टीवी ग्राउंड जीरो ओपिनियन पोल’ के मुताबिक, यूपी के 403 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को 230 से 235 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि एसपी गठबंधन को 160 से 165 सीटें, बीएसपी को 2 से 5 सीटें , कांग्रेस को 3 से 7 सीटें और अन्य को 1 से 3 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.
जानिए पूर्वांचल का हाल
इस ओपिनियन पोल के हिसाब से पूर्वांचल की 124 विधानसभा सीटों में बीजेपी गठबंधन को 66 सीटें, एसपी गठबंधन को 51 सीटें, बीएसपी को 2, कांग्रेस को 3 और अन्य को 2 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.
पश्चिमी यूपी में किसकी जीत का संकेत?
ओपिनियन पोल के मुताबिक, पश्चिमी यूपी की 97 सीटों पर एसपी गठबंधन को 37 सीटें, बीजेपी गठबंधन को 59 सीटें और बीएसपी को 1 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं कांग्रेस और अन्य के खाते में एक भी सीट नहीं मिलने का अनुमान है.
रोहिलखंड में किसे कितनी सीटें मिलने का अनुमान?
ओपिनियन पोल में रोहिलखंड की 52 सीटों पर बीजेपी गठबंधन को 22 सीटें, एसपी गठबंधन को 29 सीटें और कांग्रेस को 1 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं बीएसपी और अन्य के खाते में एक भी सीट नहीं मिलने का अनुमान है.
बुंदेलखंड में किसे बढ़त का अनुमान?
ओपिनियन पोल के मुताबिक, बुंदेलखंड की 19 सीटों पर बीजेपी गठबंधन को 17, एसपी गठबंधन को 2 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं बीएसपी, कांग्रेस और अन्य का खाता न खुलने का अनुमान जताया गया है.
अवध रीजन में किसे कितनी सीटें मिलने का संकेत?
ओपिनियन पोल के मुताबिक, अवध की 111 सीटों पर बीजेपी गठबंधन को 68 सीटें, एसपी गठबंधन को 42 सीटें, कांग्रेस को 1 सीट मिलने का अनुमान है.
सर्वे के इन आंकड़ों को महज एक संकेत के तौर पर देखा जाना चाहिए. यह भी जरूरी नहीं है कि चुनावी नतीजों में इन आंकड़ों की झलक दिखे ही दिखे.
सर्वे: UP चुनाव के लिए बढ़ रहीं BJP की मुश्किलें? जानिए क्या कहते हैं ताजा आंकड़े
ADVERTISEMENT