लोकसभा चुनाव करीब हैं. राजनीतिक दलों ने आम चुनावों को देखते हुए अपनी-अपनी रणनीति बनाना भी शुरू कर दिया है. इसी बीच संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है. इस दौरान एक तस्वीर ने सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा है. इस तस्वीर को देखकर सियासी हलकों में जबरदस्त चर्चाएं हैं. दरअसल लोकसभा सत्र के दौरान पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी और मैनपुरी से समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव आपस में बात करते हुए दिखे.
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तस्वीर में दिख रहा है कि लोकसभा की लॉबी में वरुण गांधी और डिंपल यादव बात कर रहे हैं. दोनों के बीच क्या बात हो रही थी, ये तो सामने नहीं आया है. मगर इस तस्वीर के बाद सियासी हलकों में कयासों का दौर एक बार फिर शुरू हो गए हैं.
कोई राजनीतिक खिचड़ी पक रही है?
समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और वरुण गांधी के बातचीत की तस्वीरों ने कई सियासी आशंकाओं को जन्म दे दिया है. आशंका जताई जा रही है कि क्या वरुण और अखिलेश यादव के बीच आगामी लोकसभा को देखते हुए कोई सियासी खिचड़ी पक रही है?
दरअसल ये दावा इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि वरुण गांधी पिछले काफी समय से अपनी ही पार्टी यानी भाजपा सरकार की आलोचना कर रहे हैं. कई मौकों पर वरुण ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियों की आलोचना की है या विपक्ष के मुद्दे पर सुर से सुर मिलाया है.
अखिलेश और वरुण, दोनों कर चुके हैं एक दूसरे की तारीफ
दरअसल अखिलेश यादव और वरुण गांधी, दोनों एक दूसरे की तारीफ कर चुके हैं. अखिलेश तो यहां तक कह चुके हैं कि वरुण गांधी अच्छे नेता हैं. हालांकि पार्टी में शामिल होने के सवाल पर अखिलेश गोलमोल जवाब दे देते हैं. दूसरी तरफ वरुण गांधी भी कई मौकों पर अखिलेश यादव की तारीफ कर चुके हैं.
सियासी हलकों में चर्चाएं हैं कि भारतीय जनता पार्टी इस बार वरुण गांधी का टिकट काट सकती है. माना जा रहा है कि भाजपा ने वरुण गांधी को पूरी तरह से साइड लाइन कर दिया है. ऐसे में वरुण आम चुनाव 2024 को लेकर नया रास्ता पकड़ सकते हैं. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि वह भाजपा का दामन छोड़कर किसी दूसरी पार्टी का दामन थाम सकते हैं.
किस पार्टी में शामिल हो सकते हैं वरुण?
वरुण फिलहाल पीलीभीत से भाजपा सांसद हैं. वरुण का राजनीतिक सफर भाजपा से ही शुरू हुआ और एक समय वह हिंदुत्व की राजनीति का चेहरा भी रहे. राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर वरुण गांधी भाजपा छोड़ते हैं तो सिर्फ समाजवादी पार्टी ही है, जिसके साथ वह चल सकते हैं.
दरअसल कांग्रेस में वरुण पारिवारिक कारणों से शामिल होंगे नहीं और कांग्रेस की हालत अभी उत्तर प्रदेश में कमजोर ही है. बहुजन समाज पार्टी इस समय अपने इतिहास के सबसे बड़े सियासी संकट से गुजर रही है और वह प्रदेश में लगातार कमजोर होती जा रही है. ऐसे में सिर्फ समाजवादी पार्टी है, जिसकी साइकिल पर बैठकर वरुण लोकसभा चुनाव 2024 का सफर आसानी से पार कर सकते हैं.
अब देखना ये होगा कि डिंपल और वरुण की ये मुलाकात सिर्फ एक आम मुलाकात तक ही सीमित रहती है या आगे जाकर ये नए सियासी गठजोड़ों और समीकरणों को जन्म देती है. जल्द ही इसका भी पता चल जाएगा. फिलहाल इस वायरल फोटो को लेकर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक हलकों तक में खूब चर्चाएं की जा रही हैं.
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