Smriti Irani on Rahul Gandhi News: राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के बीच की अदावत भारतीय राजनीति में एक लंबे समय से चर्चा का विषय रही है. अक्सर स्मृति ईरानी राहुल गांधी पर तंज के तीर छोड़ते हुई नजर आई हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ने राहुल को अमेठी से हराकर भारतीय राजनीति में बड़ा उलटफेर किया था. इसी के बाद से दोनों के बीच अदावत और बढ़ गई. 2024 के लोकसभा चुनाव के वक्त स्मृति ने राहुल पर खूब हमले किए. मगर अब स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के बारे में कुछ ऐसा कहा है, जिसे सोशल मीडिया पर तारीफ के रूप में देखा जा रहा है. खबर में आगे जानिए स्मृति ईरानी ने राहुल के बारे में क्या कुछ कहा कहा?
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पत्रकार सुशांत सिन्हा के साथ बातचीत के दौरान स्मृति ईरानी ने रायबरेली से सांसद राहुल गांधी को लेकर कहा, "मुझे लगता है कि राहुल गांधी की पॉलिटिक्स में एक चेंज आया है. राहुल टी शर्ट पहनते हैं पार्लियामेंट में. वो जानते हैं कि उस सफेद टी शर्ट से वह युवा पीढ़ी को क्या संदेश दे रहे हैं. हम इस मुगालते में न रहें कि उनका कोई भी कदम चाहे वो अच्छा है या नहीं, या वो कदम बचकाना लगे...लेकिन अब वो एक अलग पॉलिटिक्स कर रहे हैं."
आपको बता दें कि स्मृति ईरानी का राहुल को लेकर यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है. लोग इस वीडियो को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
स्मृति और राहुल में टकराव कब शुरू हुआ?
गौरतलब है कि यह टकराव मुख्य रूप से 2014 के लोकसभा चुनावों से शुरू हुआ, जब स्मृति ईरानी को भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी लोकसभा सीट से मैदान में उतारा. अमेठी, जो कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी और कई दशकों से गांधी परिवार का मजबूत क्षेत्र रहा है, वहां स्मृति ईरानी की चुनौती ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया. 2014 के चुनाव में राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी को हराया. मगर स्मृति ने उन्हें कड़ी टक्कर दी और उनकी जीत का अंतर कम कर दिया. इस हार के बावजूद, स्मृति ईरानी ने अमेठी में काम करना जारी रखा और लगातार वहां का दौरा करती रहीं. उन्होंने अमेठी में कई विकास कार्य शुरू किए और अपने राजनीतिक प्रभाव को बढ़ाया.
फिर आया 2019 का चुनाव और हुआ उलटफेर
2019 के लोकसभा चुनाव में, स्मृति ईरानी ने एक बार फिर से राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा. और इस बार उन्होंने राहुल गांधी को अमेठी सीट से हराकर एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर कर दिया. यह हार कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए एक बड़ा झटका थी, क्योंकि अमेठी को उनकी पारिवारिक विरासत के रूप में देखा जाता था. इस जीत ने स्मृति ईरानी को भाजपा में और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया और उनकी छवि एक मजबूत नेता के रूप में उभरी.
इसके बाद भी, दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत हमले जारी रहे. संसद के भीतर और बाहर दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे प्रहार किए हैं. यह अदावत केवल चुनावी राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय राजनीति में दो विचारधाराओं के बीच की टकराव को भी दर्शाती है.
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