UP Political News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस वक्त ‘कुर्सी’ के सहारे समाजवादी पार्टी (सपा) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभापसा) के नेता ट्विटर पर एक दूसरे पर जमकर निशाने साध रहे हैं. दरअसल, इसकी शुरुआत हालिया NDA गठबंधन जॉइन करने वाले सुभापसा चीफ ओम प्रकाश राजभार की एक तस्वीर से हुई थी. सामने आई तस्वीर में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ कई वरिष्ठ नेता कुर्सी पर बैठे थे और उसी फोटो में राजभर पीछे खड़े नजर आए. इसके बाद सपा नेताओं ने राजभर पर तंज कसे कि भाजपा के साथ आने के बाद अब उन्हें कुर्सी भी नसीब नहीं हो रही है. वहीं, दूसरी तरफ सुभापसा चीफ के बेटे अरुण राजभार ने भी मोर्चा संभाल रखा है. अब अरुण ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की ऐसी तस्वीरें ढूंढ निकाली है जिसमें वह खड़े नजर आ रहे हैं और बाकी नेता कुर्सी पर बैठे हैं.
ADVERTISEMENT
अरुण ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा, “समाजवादियों पहचानों कौन हैं ये जिनको कुर्सी नहीं नसीब हुई थी…”
आपको बता दें कि इस तस्वीर में भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह और चंद्रशेखर नजर आ रहे हैं. साथ ही तस्वीर में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को पीछा खड़ा हुआ देखा जा सकता है. गौरतलब है कि लंबी बीमारी के चलते पिछले साल मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया था.
राजभर की तस्वीर किस कार्यक्रम की थी?
दरअसल, विधानसभा सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने विधानसभा में डिजिटल कॉरिडोर का लोकार्पण किया. इस दौरान ओम प्रकाश राजभर तस्वीरों में पीछे खड़े दिखाई. इसी बात को मुद्दा बनाकर सपा ने राजभर पर तंज कसे. सपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर कहा कि राजभर को बैठने की जगह भी नहीं मिली.
राजभर के बेटे ने पहले भी दिया था जवाब
सुभापसा चीफ की यह तस्वीर सामने आने के बाद अरुण ने ट्वीट कर कहा था, “सुभासपा की बढ़ती ताकत से सपा बौखला गई है. लाचार, हताश सपाई फोटो एडिट करके बहुत खुश हो रहे हैं. सपा की पुरानी आदत गुंडागर्दी, लूट पाट, अतिपिछड़ों को अपमानित करने की आदत नहीं जाएगी. जनता इनके साइकल का टायर ट्यूब, तिरी, छूछी सब खोल चुकी है, सिर्फ हैंडिल लेकर घूम रहे हैं. सपा का अहंकार भी खत्म होगा, जनता सपा को 2024 में 0 पर आऊट करेगी.”
गौरतलब है कि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान ओम प्रकाश राजभर सपा गठबंधन का हिस्सा थे. मगर अब वह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन का हिस्सा बन गए हैं.
ADVERTISEMENT