उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर के मनीष गुप्ता की गोरखपुर में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले पर प्रतिक्रिया दी है. बता दें कि गोरखपुर के पुलिसकर्मियों पर आरोप लगे हैं कि उनकी पिटाई की वजह से ही मनीष की जान चली गई. इस मामले में 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR भी दर्ज हो चुकी है, जिनमें से 3 नामजद हैं.
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30 सितंबर को कानपुर में कई परियोजनाओं के लोकार्पण/शिलान्यास कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सीएम योगी ने कहा, ”दो दिन पहले गोरखपुर में एक दुखद घटना घटित हुई थी. मैंने उसी दिन गोरखपुर पुलिस को कहा था कि इसमें तत्काल मुकदमा दर्ज होना चाहिए और दोषी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा. अपराधी अपराधी होता है.”
इसके अलावा उन्होंने कहा, ”मैंने कल सुबह यहां के जिला प्रशासन को कहा था कि पीड़ित परिवार से मैं मिलना चाहूंगा क्योंकि उसकी पीड़ा के साथ जुड़ना हमारा दायित्व है…आपको मालूम है, अपराध और अपराधियों के प्रति हमारी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति.”
इस दौरान सीएम योगी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा, ”जिन्होंने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को कभी गिरवीं रखा था, पेशेवर अपराधियों और माफियाओं के सामने. उनके सामने ये कहावत सही बैठती है कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली.”
बता दें कि सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात को गोरखपुर के एक होटल में पुलिस की दबिश के बाद मनीष की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मनीष के साथ होटल में रुके उनके दोस्त गुरुग्राम के रहने वाले अरविंद सिंह ने बताया कि वे होटल कृष्णा पैलेस के अपने रूम नंबर 512 में सो रहे थे.
अरविंद ने बताया कि देर रात पुलिसवालों ने दरवाजा खुलवाया और आईडी चेक करने लगे, मनीष ने देर रात की जांच पर सवाल उठाए, तो पुलिसवाले सामान तक चेक करने के बाद पीटने लगे. अरविंद का आरोप है कि पुलिसवाले शराब के नशे में भी थे, देर रात में की जा रही चेकिंग को लेकर सवाल पूछने पर उन्होंने पीटा.
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