Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या को दहलाने की साजिश रची जा रही थी. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू के इशारे पर बड़ी साजिश को अंजाम देने आए तीनों संदिग्ध से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. पकड़ा गया शंकर लाल दुसाद उर्फ शंकर जाजोद गुरपतवंत सिंह पन्नू के सीधे संपर्क में था.
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अयोध्या के हर रास्ते की कर रहे थे रेकी
बता दें कि अयोध्या में पकड़े गए खालिस्तान समर्थक शंकर लाल दुसाद कनाडा में मारे गए गैंगस्टर सुखविंदर सिंह उर्फ सूखा के सीधे संपर्क में था. बीकानेर जेल से छूटने के बाद शंकर लाल दुसाद लगातार सुखविंदर सिंह सुखा से बात कर रहा था. सितंबर 2023 में सुक्खा की हत्या के बाद लखविंदर सिंह लांडा के संपर्क में शंकर लाल दुसाद आया था. गुरपतवंत सिंह पन्नू ने फोन पर शंकर लाल दुसाद को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में बड़ी घटना को अंजाम देने का टारगेट दिया था. यही नहीं पकड़े गए संदिग्धों ने अयोध्या में हर एक रास्ते की रेकी कर नक्शा और जानकारी गुरपतवंत सिंह पन्नू तक पहुंच चुका था.
पुलिस की तैनाती पर भी थी नजर
अयोध्या पहुंचने के बाद शंकर लाल दुसाद कनाडा और लंदन के नंबरों पर बात कर रहा था. अयोध्या से कई फोटो रास्तों की डिटेल, पुलिस की तैनाती का डिटेल कनाडा और लंदन के नंबरों पर भेजी गई थी. पुलिस को चकमा देने के लिए हरियाणा नंबर की जिस स्कॉर्पियो पर राम झंडा लगाकर तीनों संदिग्ध घूम रहे थे. वह शंकर लाल दुसाद के फर्जी आधार कार्ड पर खरीदी गई थी. वहीं गाड़ी की आरसी में शंकर लाल दुसाद का नाम था लेकिन पुलिस ने चेक किया तो बरामद हुई स्कॉर्पियो श्रवण कुमार सरसवां के नाम पर दर्ज निकली.
पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा
सुक्खा की हत्या के बाद गुरपतवंत सिंह पन्नू सीधे शंकर लाल दुसाद को हैंडल कर रहा था और अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के दौरान घटना के लिए निर्देश दे रहा था. रेकी करने के बाद गुरपतवंत ने अयोध्या में ही घटना के लिए मदद मिलने का भरोसा दिया था. यूपी एटीएस की टीम अब तीनों संदिग्धों से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद मददगारो की तलाश में जुटी है.
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