शाहजहांपुर: छुट्टा पशुओं की समस्या से मुक्ति के लिए जिला प्रशासन कर रहा ये पहल, ग्रामीण खुश, जानें

भाषा

• 08:41 AM • 19 Feb 2023

Shahjahanpur News: शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने और सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हर प्रधान को छुट्टा…

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Shahjahanpur News: शाहजहांपुर जिला प्रशासन ने किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने और सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हर प्रधान को छुट्टा घूम रहे 10-10 गोवंश को आश्रय देने की पहल की है. जिले के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि यह प्रयोग शाहजहांपुर में शुरू किया गया है और सफल हो रहा है. इससे छुट्टा गोवंशों में 6000 गोवंशों को ग्राम पंचायतों में संरक्षित किया गया है. आगे भी ये प्रयास जारी हैं.

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गोवंश कर रहे थे हमले

शाहजहांपुर में आवारा घूम रहे पशुओं से किसानों की फसलें बर्बाद होने के साथ ही रोजाना दुर्घटनाएं भी हो रही हैं. इसके चलते ग्रामीण, मवेशियों को पकड़कर सरकारी स्कूल, ब्लॉक आदि कार्यालय में बंद कर रहे थे. इसी के साथ कई गोवंशों ने लोगों पर हमले भी किए.

जिले के मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने भाषा को बताया, ‘‘छुट्टा गोवंशों की समस्या पूरे जिले में थी और हम जहां भी ग्रामीण क्षेत्रों में जाते थे तो ग्रामीणों की पहली शिकायत आवारा गोवंश को लेकर होती थी. मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी लगातार ग्रामीणों द्वारा शिकायत की जाती थी, जिसे हमने गंभीरता से लिया और छुट्टा गोवंशों को संरक्षित करने की योजना बनाई, जिसके तहत प्रधानों का एक सप्ताह पूर्व सम्मेलन बुलाया गया और उन्हें 10-10 गायों को संरक्षित करने को कहा गया.’’

आवारा गोवंशों को किया जा रहा संरक्षित

मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने आगे बताया कि प्रधानों द्वारा उन्हें काफी सहयोग दिया गया है. जिले में कुल 1069 ग्राम पंचायतों में से 400 ग्राम पंचायतों में आवारा घूम रहे 6,000 गोवंश को पकड़कर संरक्षित किया जा चुका है. यह गौशाला ग्राम पंचायत द्वारा बनाई गई है. जिसमें उन्हें प्रति गौवंश 30 रुपये तथा अधिकतम लागत आने पर अधिक धनराशि भी प्रदान की जाएगी.

रामापुर बरकत ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि उनके यहां भी आवारा गौवंश की संख्या बहुत ज्यादा थी. मुख्य विकास अधिकारी द्वारा की गई पहल से मैंने भी 18 गौवंशो को संरक्षित किया है तथा आसपास की ग्राम पंचायतों में भी छुट्टा गोवंश पकड़कर उन्हें संरक्षित किया जा रहा है.’

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