समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जनता तक पहुंचने के लिए मंगलवार को कानपुर से ‘समाजवादी विजय यात्रा’ की शुरुआत की है.
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सांकेतिक तौर पर यह यात्रा कानपुर में गंगा से शुरू होकर हमीरपुर में जमुना तक जाएगी. यानी कि अखिलेश गंगा-जमुना तहजीब के सांकेतिक महत्व के साथ यह यात्रा शुरू कर रहे हैं.
एसपी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने सोमवार को बताया कि इस यात्रा का मकसद लोगों को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की “भ्रष्ट, निरंकुश और दमनकारी” नीतियों से अवगत कराना और वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना करना है.
उन्होंने बताया कि समाजवादी विजय यात्रा पहले दो दिनों में (12-13 अक्टूबर) पार्टी की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार पहले चरण में कानपुर देहात, जालौन और हमीरपुर जिलों में जाएगी.
चौधरी ने यह भी कहा कि यात्रा का मकसद ”किसानों, युवाओं, दलितों, वंचितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और सभी वर्गों को न्याय दिलाना और उन्हें राज्य में निरंकुश और दमनकारी सरकार से छुटकारा दिलाना है.”
चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव की यात्रा राज्य में बदलाव के लिए है. समाजवादी पार्टी के पास पहले से ही एक ‘रथ’ है, एक मर्सिडीज बस जिस पर अखिलेश के पोस्टर एक तरफ और दूसरी तरफ पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पोस्टर चिपकाए गए हैं. रथ पर पार्टी नेता मोहम्मद आजम खान की तस्वीर भी है.
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अखिलेश की यात्रा पर साधा निशाना
इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अखिलेश यादव की ‘समाजवादी विजय यात्रा’ पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान में कहा, “कोरोना के समय में परेशान लोगों की अनदेखी करने वाले अपने फाइव स्टार रथ में जनता के बीच जा रहे हैं. यह राज्य के लोगों का एक और अपमान होगा.”
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना काल में लोगों को राहत देने के लिए दौरे कर रहे थे तब एसपी नेता अपने वातानुकूलित कक्ष में ट्वीट करने में व्यस्त थे.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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