उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में ऑपरेशन के दौरान एक डॉक्टर की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यह लापरवाही इतनी बड़ी थी कि एक मरीज की जान भी जा सकती थी. यहां ऑपरेशन के दौरान एक डॉक्टर ने मरीज के पेट में ही तीन कपड़े छोड़ दिए.
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दरअसल, परिजनों की बिना सहमति के डॉक्टर ने एक मरीज की पित्त की थैली का ऑपरेशन कर डाला. उसके बाद अत्यधिक ब्लीडिंग होने पर मरीज की हालत बिगड़ने लगी. जब मरीज की हालत बिगड़ी तो डॉक्टर ने आनन-फानन में उसे बरेली रेफर कर दिया. बरेली स्थित मेडिसिटी नर्सिंग होम अस्पताल के डॉक्टरों ने जब फिर से ऑपरेशन किया तो मरीज के पेट से खून से सने हुए तीन कपड़े मिले हैं.
फिलहाल, मेडिसिटी नर्सिंग होम अस्पताल में भर्ती मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं, मामले में मरीज की बेटी ने आरोपी डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने में केस दर्ज कराने के लिए एक तहरीर दी है.
क्या है पूरा मामला?
थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के मोहल्ला नेकपुर की रहने वाली युवती कविता ने पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया है कि उसके पिता वीरपाल सिंह के पेट में अक्सर दर्द रहा करता था. अशोका हॉस्पिटल के डॉक्टर एके वर्मा ने उनको पित्त की थैली का ऑपरेशन होना बताया था.
कविता ने तहरीर में बताया कि 16 मार्च को उसके पिता खुद बाइक चलाकर डॉक्टर को दिखाने पहुंचे तो डॉक्टर एके वर्मा ने उनको एडमिट कर लिया और बिना सहमति के पिता का ऑपरेशन कर दिया. कविता का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने उसके पिता के पेट में 3 कपड़े छोड़ दिए और टांके लगाकर उन्हें प्राइवेट रूम में शिफ्ट कर दिया.
पेट से निकले तीन कपड़े
तहरीर के मुताबिक, पिता की हालत बिगड़ने पर डॉक्टर ने उनको कुछ इंजेक्शन लगाए और वहां से ले जाने को कहा. जब कविता समेत परिजनों ने इसका विरोध किया तो डॉक्टर एके वर्मा ने खुद एंबुलेंस बुलाकर मरीज को बरेली रेफर कर दिया. बरेली स्थित मेडिसिटी नर्सिंग होम में मरीज का फिर से ऑपरेशन किया गया, जहां उसके पेट से खून से सने हुए तीन कपड़े निकले हैं, जिसकी पुष्टि मेडिसिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने की है. मेडिसिटी अस्पताल के डॉक्टरों से परिजनों को पेट में कपड़े छोड़ने के बारे में पता चला. उसके बाद परिजनों में हंगामा मच गया और मामले में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
कविता ने थाना सिविल लाइंस पुलिस को तहरीर देकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है.
पुलिस ने क्या कहा?
वहीं, मामले में एसपी नगर क्षेत्र अमित किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि कविता ने अशोका अस्पताल के डॉक्टर केके वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है. एसपी का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है.
उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के साफ निर्देश हैं कि जिलाधिकारी द्वारा सीएमओ के निर्देशन में बनाए गए पैनल द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर ही इस प्रकार के मामलों में कार्यवाही की जाती है. पैनल की रिपोर्ट और जिलाधिकारी के निर्देश के बाद ही पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा सकती है.
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