Atiq Ahmed News: शनिवार, 15 अप्रैल की तारीख को उत्तर प्रदेश में एक बड़ी घटना घटी. इन दिन पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ की प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. यह वारदात तब घटी, जब पुलिस दोनों भाइयों को प्रयागराज के एक अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जा रही थी. ध्यान देनी वाली बात यह है कि अतीक की हत्या उस दिन हुई, जिस दिन उसके तीसरे नंबर के बेटे असद को सुपुर्द-ए-खाक किया गया था. दरअसल, उमेश पाल मर्डर केस में 5 लाख रुपये का इनामिया असद फरार चल रहा था, जिसका 13 अप्रैल को झांसी में UPSTF ने एनकाउंटर कर दिया था. इन सब से इतर आज बात अतीक से जुड़े एक किस्से की करते हैं. आपको बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अतीक ने वाराणसी की सीट से PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, खबर में आगे जानिए इस चुनाव में अतीक का क्या हाल हुआ?
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जब अतीक ने जेल में बैठकर PM मोदी को थी चुनौती
यह बात साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा चुनावी समर में कूद चुके थे. इस बार भी उन्होंने वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया था. इससे पहले वह 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से लड़े थे और ऐतिहासिक जीत हासिल की थी. मगर अब साल 2019 का लोकसभा चुनाव था. PM मोदी के सामने कई चुनौतियां थीं, उनमें से एक अपना चुनाव जीतना भी था. इस चुनाव में PM मोदी के सामने सपा की शालिनी यादव, कांग्रेस से अजय राय समेत 27 उम्मीदवार थे.
इनमें से एक अतीक अहमद (निर्दलीय) का भी नाम था. उस समय अतीक जेल से बैठकर PM मोदी को चुनौती दे रहा था. आपको बता दें कि इस चुनाव में PM मोदी ने 6 लाख 47 हजार 664 वोट हासिल कर प्रचंड जीत हासिल की थी. वहीं, PM मोदी के सामने अतीक की एक भी न चली और महज 855 वोटों के साथ उसे करारी शिकस्त भी मिली. साथ ही इस चुनाव में अतीक की जमानत भी जब्त हुई थी.
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क्यों हो जाती है जमानत जब्त?
चुनाव आयोग के मुताबिक, जब कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी 16.66% वोट हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है.
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