जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य जारी है. यमुना अथॉरिटी विकास योजनाओं को लागू करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. इसी कड़ी में यमुना अथॉरिटी ने जेवर एयरपोर्ट से बुलंदशहर के चोला रेलवे स्टेशन तक 16 किलो मीटर लंबा और 100 मीटर लंबा एक्सप्रेस-वे बनाने का प्लान तैयार किया है. इतना ही नहीं इसके साथ एयरपोर्ट से रेलवे लाइन को भी चोला तक जोड़ा जाएगा, जिससे व्यापार में तेजी आएगी.
ADVERTISEMENT
कुछ समय पहले बुलंदशहर विकास प्राधिकरण और खुर्जा विकास प्राधिकरण के 55 गांव को यमुना प्राधिकरण में शामिल किया गया था. जिससे कि यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र का विस्तार हो गया था. जेवर एयरपोर्ट से चोला की दूरी करीब 16 किलोमीटर है. इस नए बनने वाले एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ लॉजिस्टिक और वेयरहाउस के सेक्टर विकसित किए जाएंगे, ताकि एक्सप्रेसवे के द्वारा यह सारे सेक्टर जेवर एयरपोर्ट से जुड़ जाएंगे.
इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण खुद यमुना प्राधिकरण के द्वारा ही किया जाएगा और साथ ही दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग जो कि चोला रेलवे स्टेशन से होकर गुजरता है, उसको भी जयपुर से जोड़ा जाएगा, ताकि व्यापार में किसी तरीके की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़ सके. चोला रेलवे स्टेशन से एयरपोर्ट तक प्रस्तावित रेल मार्ग से लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग को काफी फायदा होगा.
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा, “कुछ समय पहले यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र का विस्तार हुआ है, जिसमें बुलंदशहर विकास प्राधिकरण और खुर्जा विकास प्राधिकरण के 55 गांव यमुना अथॉरिटी में शामिल किए गए हैं. विस्तार होने से अमृतसर-हावड़ा रेलवे लाइन तक यमुना प्राधिकरण का ही विस्तार है. इसी कड़ी में चोला और बैर रेलवे स्टेशन डेडिकेटेड कॉरिडोर का एक हिस्सा है. “
उन्होंने कहा कि ‘चोला रेलवे स्टेशन से अमृतसर-हावड़ा रेलवे लाइन होकर गुजरती है. जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य काफी तेज चल रहा है. यह एयरपोर्ट भारत का ही नहीं एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है. इसीलिए इस कॉरिडोर में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक की अपार संभावना है. वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक के लिए जरूरी है कि एक रेलवे हेड भी होना चाहिए. इसलिए एयरपोर्ट से चोला रेलवे स्टेशन में जोड़ने के लिए एक एक्सप्रेसवे तैयार किया जाएगा. जिसके साथ ही रेल लाइन भी बनाई जाएगी. जिसकी जिम्मेदारी मार्श नाम की कंपनी को दी गई है जो कि 2041 का मास्टर प्लान को रिवाइज कर रही है.’
अरुण वीर सिंह ने आगे कहा कि ‘यह कंपनी अगले 15 दिनों में रिपोर्ट तैयार करके डीपीआर सौंप देगी. इसके बाद 100 मीटर चौड़ा और 16 किलोमीटर लंबा जो एक्सप्रेसवे बनेगा, जो कि यमुना प्राधिकरण बनाएगी. इस का टेंडर जुलाई के आखिर तक निकाल दिया जाएगा और रेल हेड के लिए भारत सरकार रेलवे मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा.इस एक्सप्रेस से बनने से लॉजिस्टिक वेयरहाउसिंग और कार्गो के लिए फायदा होगा और एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल हब भी देखने को मिलेगा.’
ADVERTISEMENT