उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले की जिलाधिकारी नेहा जैन (Neha Jain) एक बार फिर विवादों में हैं. अब डीएम नेहा जैन पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है. साथ ही डीएम पर मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की गई है. वहीं, विवाद बढ़ता देख जिलाधिकारी ने लेटर जारी कर आरोपों को गलत बताया है.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, डीएम नेहा जैन ने 1 मार्च को अपने बेटे का जन्मदिन मनाया था. हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता आदित्य शुक्ला का आरोप है कि डीएम ने जन्मदिन के केक पर त्रिशूल और भगवान शिव की क्षवि को बनवाया था और उस केक को कटवाया भी था, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है.
इसके अलावा आदित्य शुक्ला ने एक गंभीर आरोप जिलाधिकारी नेहा जैन पर लगाया है. आदित्य शुक्ला ने कहा कि उसे सोमवार को जिलाधिकारी ने बंधक बनवा लिया था और उसके मोबाइल की कॉल डिटेल भी चेक कराई थी. आदित्य शुक्ला ने ये भी आरोप लगाया है कि उसे डीएम ने धमकी दी थी.
जिलाधिकारी ने आरोपों पर क्या कहा?
वहीं, जिलाधिकारी नेहा जैन की तरफ से एक लेटर जारी करते हुए यह कहा गया कि कुछ लोग 1 मार्च को उनके बेटे के जन्मदिन पर काटे गए केक को लेकर व्हाट्सएप के माध्यम से भड़काऊ मैसेज किए जा रहे हैं, जो बिल्कुल असत्य और बेबुनियाद हैं. 1 मार्च को उनके बेटे का जन्मदिन मनाया गया था, जो कि एक भारतीय सुपर हीरो की थीम पर था. यह 2022 की एक भारतीय फिल्म ब्रह्मास्त्र पर आधारित है.
उन्होंने कहा कि ‘केक में लगी हुई फोटो जो कि एक सुपर हीरो को प्रदर्शित करती है, जिसका अर्थ बुराई पर अच्छाई एवं सच्चाई की विजय को दर्शाता है, जिससे बच्चों के अच्छी सीख मिलती है. कुछ लोगों द्वारा केक को काटने आदि के संबंध में गलत तरीके से बताया और दर्शाया जा रहा है. सभी से अनुरोध है कि किसी अफवाह में ना आएं.’
डीएम नेहा जैन ने कहा कि ‘हमारी किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाने जैसी कोई मंशा नहीं है. अगर किसी को ऐसा प्रतीत होता है तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं.’
कानपुर अग्निकांड में सुर्खियों में आईं थीं नेहा जैन
गौरतलब है कि कानपुर देहात जिले के रूरा थाना इलाके के मडौली गांव में 13 फरवरी की शाम अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान प्रमिला दीक्षित (45) और उनकी बेटी नेहा दीक्षित (20) ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में डीएम नैहा जैन का मंच पर डांस करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था. जिलाधिकारी पर संवेदनहीनता का आरोप लगा था कि घटना के बाद वह महोत्सव में नृत्य कर रही थीं. हालांकि, जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया था कि महोत्सव 12 फरवरी को था जबकि घटना 13 फरवरी को हुई.
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