लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदने के मामले में सीजेएम कोर्ट ने विवेचना अधिकारी की नई धाराओं को स्वीकार कर लिया है. बता दें कि मामले की जांच कर रहे SIT के अधिकारी ने, लापरवाही के कारण हुई मौत से संबंधित धारा समेत 3 धाराओं को हटाकर हत्या के प्रयास संबंधी धारा समेत अन्य धाराओं को जोड़ने की अर्जी कोर्ट में डाली थी.
ADVERTISEMENT
SIT के अधिकारी विद्या राम दिवाकर ने आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से ड्राइविंग), 338 (गंभीर चोट पहुंचाने) और 304 ए (लापरवाही के कारण हुई मौत) को हटाकर सभी 13 आरोपियों पर नई धाराओं – 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना), सुनियोजित प्लानिंग की धारा 34 और अवैध शस्त्र रखने और बरामदगी 3/25 के साथ-साथ लाइसेंसी हथियार के दुरुपयोग की धाराओं को लगाने की अर्जी डाली थी. कोर्ट ने इन नई धाराओं को जोड़ने की अपील को मंजूरी दे दी है.
कोर्ट में डाली गई अर्जी में विवेचक ने साफ लिखा था कि लखीमपुर के तिकुनिया में हुई हिंसा हादसा या गैर इरादतन की गई हत्या नहीं, बल्कि हथियारों से लैस होकर और एक राय होकर गंभीर साजिश के साथ किए गए हत्या के प्रयास की घटना है.
बता दें कि हिंसा की यह घटना लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में 3 अक्टूबर को हुई थी. इसमें किसानों को रौंदने के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा भी आरोपियों में शामिल हैं.
लखीमपुर खीरी हिंसा: राहुल गांधी बोले- ‘मोदी जी, फिर से माफी मांगने का टाइम आ गया’
ADVERTISEMENT