गौतमबुद्ध नगर में अब यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के तहत जमीनों का अधिग्रहण एक ही दर पर होगा. नोएडा हवाईअड्डे के लिए जमीन देने वाले किसानों के साथ यमुना प्राधिकरण क्षेत्र की हर परियोजना में जिले के किसानों को एकसमान मुआवजा मिलेगा. यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में प्राधिकरण की तरफ से भेजे गए समान मुआवजा संबंधी प्रस्ताव को पारित कर दिया गया.
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उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि नोएडा हवाईअड्डे के लिए जिस दर पर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, उसी दर पर मुआवजा यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र की जेवर तहसील में सभी किसानों को दिया जाए. उन्होंने कहा कि एक ही तहसील में मुआवजे की दो दरों का होना किसानों के बीच सौतेलापन दिखाता था.
प्राधिकरण की तरफ से अब तक जेवर में बन रहे हवाईअड्डे के लिए किए गए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित करीब 5,000 किसानों को 3,100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा दिया जा रहा था. वहीं अन्य परियोजनाओं से प्रभावित किसानों को 2,322 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा मिल रहा था.
सिंह ने कहा कि अब यमुना क्षेत्र में प्रभावित सभी किसानों को एकसमान दर पर मुआवजा दिया जा सकेगा. हालांकि यह फैसला सिर्फ गौतम बुद्ध नगर जिले में होने वाले प्राधिकरण के अधिग्रहण पर ही लागू होगा. यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में गौतम बुद्ध नगर के अलावा बुलंदशहर, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़ और आगरा जिले भी हैं. सिंह ने कहा कि यमुना विकास प्राधिकरण के तहत आने वाले अन्य जिलों में जमीन अधिग्रहण वहां की सर्किल रेट के अनुसार ही दिया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र में सर्किल दर से चार गुना और शहरी क्षेत्र में दोगुना मुआवजा दिया जाता है.
उन्होंने बताया कि यूपी में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश करार के तहत उद्यमियों को सेक्टर- 9 में जमीन उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अतिरिक्त नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के उत्तर, पश्चिम और पूर्व में पेरिफेरल रोड निर्माण के लिए और भविष्य में अतिक्रमण की आशंका को देखते हुए सड़क सहित 500 मीटर की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा.
लखनऊ में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यमुना प्राधिकरण की हर परियोजना के लिए मुआवजा करीब 35 प्रतिशत बढ़ाकर 3,100 रुपए प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है. हालांकि सात प्रतिशत आबादी का भूखंड लेने वाले किसानों को 2,728 रुपए प्रति वर्ग मीटर दर से ही मुआवजा मिलेगा.