केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए मंगलवार को ‘शहीद किसान दिवस’ मनाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है. इस बीच बीकेयू नेता राकेश टिकैत भी अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंच गए हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के नए ऐलान को देखते हुए यूपी पुलिस भी अलर्ट पर है.
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40 से ज्यादा कृषक संगठनों के संघ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने देशभर के किसान संगठनों और प्रगतिशील समूहों से अपील की है कि देशभर में प्रार्थना और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर यह दिवस मनाएं और इसके बाद शाम को मोमबत्ती जलाएं.
बयान में कहा गया, ‘‘12 अक्टूबर को एसकेएम के आह्वान पर शहीद किसान दिवस मनाया जाएगा. लखीमपुर खीरी नरसंहार के शहीदों का ‘अंतिम अरदास’ तिकुनिया के साहेबजादा इंटर कॉलेज में होगा. इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं और श्रद्धांजलि सभा में हजारों किसानों के शामिल होने की उम्मीद है.’’
एसकेएम ने लोगों से अपील की है कि मंगलवार शाम आठ बजे अपने घरों के बाहर पांच मोमबत्तियां जलाएं. संगठन ने बीजेपी सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई न होने पर आश्चर्य जताया है.
उसने कहा, ‘‘यह मोदी सरकार के लिए शर्मनाक है कि अजय मिश्रा टेनी को अभी तक बर्खास्त नहीं किया गया है. काफिले में शामिल उनके वाहन से निर्दोष लोगों की हत्या की गई थी.’’ संगठन ने कहा कि किसान 15 अक्टूबर को दशहरे के दिन बीजेपी नेताओं के पुतले जलाए जाएंगे.
लखीमपुर खीरी में 10 पुलिस अफसर अलग से तैनात
लखीमपुर खीरी में हिंसा के बाद से बढ़ी संवेदनशीलता को देखते हुए आईजी और एडीजी के अलावा 10 पुलिस अफसरों को अलग से तैनात किया गया है. लखीमपुर खीरी में तैनात किए गए यह सभी 10 अफसर किसानों के प्रदर्शन के बाद भी हालात सामान्य होने तक बने रहेंगे. जिन अफसरों को नोडल अधिकारी बना कर भेजा गया है, उनमें डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल, आईपीएस सुनील कुमार सिंह, हिमांशु कुमार, एडिशनल एसपी दिनेश त्रिपाठी, हरगोविंद मिश्रा, सच्चिदानंद राय, अरविंद पांडे, सीओ शैलेंद्र सिंह, अनिल कुमार सिंह और राजेश कुमार पांडे शामिल हैं.
गृह विभाग ने जिलों में डीएम-एसपी को किसानों के प्रदर्शन के मौके पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देश भी जारी किए हैं. निर्देश में साफ तौर पर लिखा है कि जिले के अधिकारी किसान नेताओं से संपर्क कर कहीं भी भीड़ इकट्ठी ना होने दें, पर्याप्त सुरक्षा बल लगाया जाए, अन्य प्रदेशों के सीमावर्ती जिलों पर बैरियर लगाई जाए ताकि भीड़ इकट्ठा ना हो.
इसके अलावा कहा गया है कि कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा करने वाले किसान संगठनों के आयोजन पर नजर रखी जाए, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाए.
(संतोष कुमार और भाषा के इनपुट्स के साथ)
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