उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों की परीक्षाएं 20 मार्च से शुरू होकर 24 मार्च तक चलेंगी और रिजल्ट 30 मार्च को घोषित होगा. पहली पाली की परीक्षा सुबह 9:30 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक और दूसरी पाली की परीक्षा दोपहर 12:30 बजे से ढाई बजे तक होगी. प्रयागराज जिले में 2853 परिषदीय विद्यालय हैं, जबकि 5 लाख से आधिक छात्र-छात्राएं शिक्षण करते हैं.
ADVERTISEMENT
प्रयागराज में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने बताया कि 24 मार्च को परीक्षा समाप्त होने के बाद 30 मार्च को रिजल्ट घोषित किया जाएगा और 1 अप्रैल से सभी विद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरू हो जाएगी.
उन्होंने बताया कि तीसरी कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक की 80 फीसदी से अधिक किताबें आ गई हैं, जो बच्चों के शिक्षण के लिए विद्यालयों में भेजी जा रही हैं. उन्होंने बताया कि नए सत्र एक अप्रैल से बच्चों को पढ़ने के लिए नई पुस्तकें मिल जाएंगी.
अब नए सत्र से टैबलेट से लगेगी हाजिरी
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के लाखों शिक्षक/ शिक्षिकाओं को नए शैक्षिक सत्र एक अप्रैल 2023 से अब टैबलेट से हाजिरी लगानी होगी. इतना ही नहीं, उनको विद्यालय और शिक्षण से जुड़ी सभी जानकारियों का विवरण भी टैबलेट से ही देना होगा अर्थात शिक्षक विद्यालय में कब पहुंचे, क्या शिक्षण चल रहा है, कितने बच्चे है, प्रार्थना हुई या नहीं, मध्यान भोजन के बाद और अंत में विद्यालय बंद करते समय की भी तस्वीरें खींचकर टैबलेट पर अपलोड करनी होगी.
अब सबसे ज्यादा परेशानी उन शिक्षक/शिक्षिकाओं को होने जा रही है, जो कभी भी विद्यालय में शिक्षण के लिए नहीं जाते हैं, बल्कि उनके स्थान पर पांच हजार रुपये में बाहरी लोग पढ़ाते हैं.
ऐसे सबसे ज्यादा शिक्षक/ शिक्षिकाएं जौनपुर, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, मऊ, सिद्धार्थनगर, कौशांबी, बांदा, झांसी, जालौन सहित दर्जनभर जिले हैं, जहां के बीएसए की मिलीभगत से तैनाती वाले शिक्षक शिक्षण नहीं करते हैं, बल्कि संबंधित जिले के बीएसए और खण्ड शिक्षाधिकारी इसकी एवज में शिक्षकों से प्रतिमाह अवैध वसूली करते हैं.
बेसिक शिक्षा के महानिदेशक ने क्या कहा?
बेसिक शिक्षा के महानिदेशक (डीजी) विजय किरण आनंद ने बताया कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक, शिक्षिकाओं की उपस्थिति और बच्चों एवं विभाग के बेहतर तालमेल कराने के लिए टैबलेट की शीघ्र खरीद होने जा रही है. संभावना है कि मार्च के अंत तक टैबलेट की खरीद शुरू हो जाएगी.
डीजी ने बताया कि टैबलेट खरीदने का टेंडर लगभग फाइनल हो गया है. उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक/शिक्षिकाओं और छात्र-छात्राओं को भी अब मार्डन बनाया जा रहा है, इसके लिए व्यापक स्तर पर कार्य शुरू हो गया है. उन्हें सीबीएसई के बच्चों की तर्ज पर शिक्षण और कंप्यूटर सहित अन्य जानकारियां विस्तार से दी जा रही हैं.
उन्होंने बताया कि स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से शिक्षण हो रहा है. उन्होंने बताया कि टैबलेट के विद्यालय में पहुंचने पर शिक्षक/शिक्षिकाएं जब सुबह विद्यालय पहुंचेंगे तो वह प्रार्थना के दौरान टैबलेट से तस्वीरें खींचकर सीधे बेसिक शिक्षा की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे.
डीजी ने बताया कि इतना ही नहीं इसके बाद वह बच्चों के व्यायाम, शिक्षण के दौरान, खाना खाते समय, खाना खाने के बाद, खेल की गतिविधियों और विद्यालय बंद होते समय की तस्वीरें भी खींचकर टैबलेट पर अपडेट करेंगे.
उन्होंने बताया कि शासन से जो भी जानकारियां परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों से मांगी जाएगा उसका विवरण भी उनको ऑनलाइन टैबलेट से देना होगा.
डीजी ने बताया कि टैबलेट पर उनको संबंधित ऐप डाउनलोड करके उस पर संबंधित जानकारी, फोटोग्राफ्स और विवरण को अपलोड करना होगा. इससे समय और श्रम दोनों बचेगा. शिक्षक एवं बच्चे भी टैबलेट से बहुत कुछ सीख सकेंगे.
डीजी विजय किरण आनंद ने बताया कि टैबलेट में इंटरनेट चलाने और चार्ज करने के लिए भी व्यवस्था होगी. टैबलेट के खराब होने या किसी गड़बड़ी को ठीक करने की जिम्मेदारी संबंधित फर्म की रहेगी. ऐसे में शिक्षकों के परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है.
ADVERTISEMENT