पश्चिमी यूपी में सबसे अधिक वोटिंग कैराना-शामली में, ग्राउंड रिपोर्ट में समझिए इसके मायने

मिलन शर्मा

• 04:10 AM • 11 Feb 2022

यूपी विधानसभा के पहले चरण में 58 विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को मतदान हुआ. इस चुनाव में खासकर बीजेपी और एसपी के बीच हॉट…

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यूपी विधानसभा के पहले चरण में 58 विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को मतदान हुआ. इस चुनाव में खासकर बीजेपी और एसपी के बीच हॉट सीट बने कैराना विधानसभा की बात करें, तो यहां ढेरों चुनावी रंग देखने को मिले. पश्चिमी यूपी के जिन 11 जिलों में मतदान हुए उनमें शामली का वोटिंग प्रतिशत सबसे अधिक रहा. शामली जिले में भी कैराना विधानसभा पर सर्वाधिक वोटिंग हुई.

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कैराना में 75.12 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पिछले आम चुनावों और विधानसभा चुनावों में शामली जिले और कैराना सीट के लिए वोटिंग 60 फीसदी के करीब थी. इस हिसाब से देखें तो पिछले रिकॉर्ड यहां टूट गए. इस बार शामली में कुल मतदान 69.42 फीसदी हुआ.

कोहरे-धुंध के बीच ही लग गई वोटर्स की लाइन

कैराना में खासकर सुबह-सुबह ही मतदाताओं में काफी उत्साह देखने को मिला. सुबह कोहरे और धुंध के बीच ही लाइनें जो लगीं, तो दिनभर लोगों की वोटिंग जारी ही रही. सुरक्षा, गुंडा राज पर लगाम, बेरोजगारी, गन्ना किसानों का बकाया, विकास या गठबंधन से जुड़े मुद्दों ने वोटर्स की भावनाओं को उभारने का काम किया.

यहां बुआ और भतीजा के चुनाव के चर्चे हैं. जहां एक तरफ हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह हैं, जिन्हें बीजेपी ने कैंडिडेट बनाया है. वहीं, दूसरी तरफ चौधरी मुन्नवर हसन के बेटे और मौजूदा विधायक नाहिद हसन एसपी के टिकट पर हैं. खास बात यह है कि इन दोनों उम्मीदवारों की पारिवारिक विरासत साझी है.

नाहिद हसन फिलहाल गैंगस्टर एक्ट और 17 से अधिक केसों की वजह से जेल में हैं. उनकी चुनावी प्रबंधन उनकी बहन इकरा हसन देख रही हैं. इकरा ने हिंदू पलायन या मुजफ्फरनगर दंगों के बाद इस इलाके से माइग्रेशन के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि यहां लोग SP-RLD के साथ हैं. हालांकि मृगांका सिंह भी यहां अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही हैं.

स्लो पोलिंग और ईवीएम से जुड़े मुद्दे भी सामने आए

एक तरफ कैराना में जबर्दस्त वोटिंग हुई, तो दूसरी तरफ यहां EVM से जुड़े कई मुद्दे भी देखने को मिले. कैराना के इस्लामिया इंटर कॉलेज पोलिंग स्टेशन के बूथ नंबर 255 और 254 पर धीमे मतदान की शिकायत भी सामने आई. हालांकि अधिकारियों में मशीनों को चेक कर बदलवाया लेकिन लोगों को लाइनों में 2-3 घंटे लगकर वोट डालने पड़े.

यहां एक मुस्लिम वोटर ने बताया कि हम सुबह में सबसे पहले मतदान करने आए लेकिन हम 3 घंटे से लाइन में खड़े इंतजार कर रहे हैं.

दुंदुखेड़ा में वोटर्स के साथ मारपीट

गुर्जर बाहुल्य ग्रामीण इलाके दुंदुखेड़ा में हिंसा की छिटपुट घटनाएं और वोटर्स को धमकाने की बात देखने को मिली. प्रभावशाली समूह की तरफ से यहां मतदान करने आए दूसरे तबके साथ मारपीट की गई. ऐसी ही एक घटना में आबिद, शौकीन और मेहरबान चोटिल हुए. यहां पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा.

लावारिस मिलीं ईवीएम, जांच में पता चला रिजर्व थीं

कैराना में वोटिंग संपन्न होने के काफी देर बाद रात करीब 10:30 बजे एक बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ी में ईवीएम भी पकड़ी गई. यह गाड़ी शामली से पानीपत के हाइवे पर मिली. समाजवादी पार्टी के पोलिंग एजेंट्स ने मौके पर जांच के लिए SDM को बुलाया. ईवीएम को डीएम जसजीत कौर के सामने स्ट्रॉन्ग होल्ड सिक्यॉरिटी मंडी एरिया में लाया गया. जांच में पता चला कि ईवीएम रिजर्व थी.

कैराना में जीत का समीकरण क्या होगा?

कैराना सीट में जीत का समीकरण सिर्फ जाट और मुस्लिम वोटों के एक साथ आने पर नहीं टिका है. हालांकि कैराना में करीब 46 फीसदी मुस्लिम वोट हैं, लेकिन यहां 12 हजार सिख वोट भी हैं. कैराना में हिंदू संग मुस्लिम गुर्जर, जाटव, सैनी और कश्यप भी जीत-हार तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं. इसके संग महिलाएं भी हैं, जो साइलेंट वोटर्स की भूमिका में हैं.

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