उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के सियासी घमासान में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने 2 फरवरी को आगरा में अपनी पहली चुनावी जनसभा को संबोधित किया.
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मायावती ने लोगों को ओपिनियन पोल के नतीजों से भ्रमित नहीं होने की सलाह देते हुए कहा, “फर्जी ओपिनियन पोल और सर्वे वाली मीडिया को बता देना है कि इस बार फिर से साल 2007 की तरह बीएसपी का चौंकाने वाला रिजल्ट आएगा.”
मायावती ने 2007 के विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर कहा, “सर्वे में बीएसपी को तीसरे नंबर पर बताया जाता था, जब परिणाम आया तब बीएसपी नंबर एक पर आई और पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई.” उन्होंने कहा, “मुझे लग रहा है कि इस बार फिर ऐसा होने वाला है. मीडिया का ओपिनियन पोल और सर्वे धरा का धरा रहा जाएगा.”
उन्होंने कहा कि कुछ जातिवादी मीडिया ने इस चुनाव में हमारे पार्टी के लोगों का मनोबल यह कहकर गिरा रहे हैं कि इनकी पार्टी के नेता कहीं नजर नहीं आ रहे हैं.
मायावती ने कहा, “2007 की तरह बीएसपी सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ताकि हमारी पूर्ण बहुमत की फिर से सरकार बन सके.”
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “आजादी के बाद से केंद्र और यूपी सहित देश के अधिकांश राज्यों में भी कांग्रेस पार्टी की ही अकेले सरकारें रही हैं. लेकिन उनकी गलत नीतियों के कारण वह केंद्र के साथ-साथ यूपी के सत्ता से भी बाहर हो गई. ये पार्टी जबरदस्त जातिवादी होने के कारण शुरू से ही हर मामले में दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़ा विरोधी रही है और अभी भी है.”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया था. उनके संघर्ष को आगे बढ़ाने वाले कांशीराम को कांग्रेस ने भी सम्मान नहीं दिया. केंद्र में कांग्रेस पार्टी की रही सरकार ने उनके निधन पर एक दिन के लिए भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया था.”
मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में होती है तो उन्हें दलितों का ध्यान नहीं रहता. उन्होंने कांग्रेस पर पिछड़ा, दलितों और महिलाओं की अनदेखी का आरोप लगाया.
मायावती ने कहा, “कांग्रेस की सरकार ने पिछड़े वर्ग के आरक्षण से संबंधित मंडल कमीशन की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया था. जिसे बीएसपी ने अपने संघर्ष से केंद्र में रही वीपी सिंह की सरकार से लागू करवाया था. साथ ही वीपी सिंह की सरकार में ही बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया था.”
मायावती ने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, “एसपी सरकार में अधिकांश गुंडों, माफियाओं, अराजक तत्वों और लूट-खसोट करने वालों का ही राज रहा है. जिसके कारण इस सरकार में जाति और धर्म के नाम पर दंगे होते रहे हैं. पश्चिमी यूपी का मुजफ्फरनगर दंगा इसका उदाहरण है.”
मायावती ने आरोप लगाया कि एसपी सरकार में ज्यादातर योजनाएं एक विशेष क्षेत्र और विशेष जाति के लोगों तक ही सीमित रहती थीं. उन्होंने कहा कि एसपी सरकार में दलितों और अन्य पिछड़ों के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है.
मायावती ने कहा, “सरकारी कर्मचारियों में मैं बताना चाहती हूं, जब सदन में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर बिल आया था, तब यही एसपी ने इस बिल को फाड़ दिया और उसे पास नहीं होने दिया था, ताकि दलित वर्ग के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण की सुविधा न मिल सके. यही एसपी का चरित्र है.”
बीएसपी चीफ ने राज्य की योगी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार में दलित, पिछड़ों को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल सका है. उन्होंने बीजेपी पर जातिवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक लोगों के साथ पक्षपात रवैया अपनाया गया है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में अपर कास्ट समाज में प्रबुद्ध वर्ग अपने आप को सबसे ज्यादा उपेक्षित पाया है.
मायावती ने कहा, “इनकी (बीजेपी) गलत आर्थिक नीतियों के कारण यहां गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई से जनता परेशान हैं.”
मायावती ने कहा, “पूरे पांच साल में बीजेपी की सरकार में कोई विकास नहीं हुआ है. विकास सिर्फ पूंजीपतियों का ही हुआ है.”
पेगासस मामले में केंद्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़ी करती है: मायावती
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