अयोध्या के साइबर क्राइम एक्सपर्ट ने बताया कैसे हो रही ठगी, इस महिला डॉक्टर का केस जान रहिए सतर्क

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UP News: आज के युग में इंटरनेट आम आदमी के जीवन का हिस्सा बन गया है. इंटरनेट के बिना आदमी अब खुद को अधूरा सा समझता है. यही कारण है कि आज किसी को लाखों रुपये की पेमेंट करनी हो या हवाईजहाज का टिकट बुक कराना हो, सब जगह इंटरनेट जरूरी है.  मगर कहा जाता है कि एक सिक्के के दो पहलु होते हैं. इंटरनेट से अगर फायदा उठाया जा सकता है तो इसके कई नुकसान भी हैं. मसलन सायबर फ्रॉड के अब मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं, जिसकी वजह से लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. सायबर फ्रॉड के चलते आपका बैंक अकांउट कब पूरा खाली हो जाए, आपको इसकी भनक भी नहीं लगेगी. ऐसे में जरूरत है साइबर फ्रॉड से सतर्क रहने की. आप खबर में आगे जानिए क्या हैं वो तरीके जिनसे आप सायबर फ्रॉड होने से बच सकते हैं.


कैसे होती है ऑनलाइन धोखाधड़ी? 

बता दें कि जब आपके पास अचानक फोन आए और कोई बोले कि आपका बेटा तस्करी करता हुआ पकड़ा गया है, जिसे थाने ले आए हैं. वहीं इसके बदले वह आपसे पैसे की डिमांड करे तो समझ लें कि कोई फ्रॉड है. बता दें कि ऐसा ही एक मामला अयोध्या में रहने वालीं एक महिला डॉक्टर के साथ हुआ. 

महिला डॉक्टर को अनजान शख्स ने कही गिफ्ट देने की बात

 

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दरअसल, महिला डॉक्टर को एक अंजान व्यक्ति ने मैसेज पर बातचीत करते हुए धीरे-धीरे जान पहचान बढ़ाई. फिर उन्हें अपनी बहन बना लिया. इसके एक हफ्ते बाद वह महिला डॉक्टर को एक गिफ्ट भेजकर कहता है कि उपहार वो अपनी बहन को भेज रहा है. वहीं जब महिला ने मना किया तब उस व्यक्ति ने उन्हें पार्सल की रसीद भेजते हुए कहा कि अब पार्सल डिस्पैच हो गया है. इसकी तीन दिन बाद महिला को फिर से एक कॉल आता है, जिसमें कहा जाता है कि वह दिल्ली से कस्टमर ऑफिसर बात कर रहा है. फोन पर बात करते हुए शख्स बोलता है, उनका (महिला डॉक्टर) का विदेश से एक पार्सल आया है, जिसके क्लीयरेंस के लिए उन्हें 10 हजार रुपये देने होंगे. 

 

 

महिला डॉक्टर दिखाई समझदारी

वहीं जब महिला ने मना किया तब कस्टम ऑफिसर अधिकारी बने व्यक्ति ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि उन्हें जेल जाना पड़ सकता है और उनके घर का पता भी उसके पास है. इस दौरान महिला डॉक्टर ने समझदारी दिखाई और उस व्यक्ति को बोला कि अब वो पुलिस के पास शिकायत करने जा रही है. इसके बाद उस धोखेबाज का फोन नहीं आया.

ऑनलाइन ठगी से बचने का क्या है तरीका? 

साइबर फ्रॉड से जुड़े कॉल आने पर हमें क्या करना चाहिए? इसकी जानकारी हमें अयोध्या के सायबर एक्पर्ट आलोक कुमार सिंह ने विस्तार से दी.

 

 

उन्होंने बताया,  

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1. कोई व्यक्ति जो पुलिस में है वह आपसे कभी भी धनराशि की मांग नहीं कर सकता है. अगर वह ऐसा रहा है तो वह पुलिसवाला नहीं, एक ठग है. 

2. "ठगने वालों के नंबर के आगे +92 लगा होता है, जो पाकिस्तान का कोड है, भारत का नही. भारत का कोड +91 है."

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3. "आपका बच्चा लूट में फंस गया है, रेप केस में फंस गया है, तस्करी में फंस गया है. ऐसा बोल के कोई आपको आपके बच्चे का डर दिखा के पैसे की डिमांड करता है तो ऐसे मामले में आप तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें. इसके अलावा सायबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करें. या फिर डायल 112 पर कॉल कर इसके बारे में सूचना दें." 

आलोक कुमार सिंह ने आगे बताते हुए कहा कि ये ठग सोशल मीडिया के द्वार ऐसे लोगों पर नजर रखते हैं जिनका बच्चा दिल्ली, लखनऊ या कहीं बाहर रह रहा हो. 

(यह खबर यूपी Tak के इंटर्नशिप कर रहे अर्पित सिंह ने लिखी है.)

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