30 साल पहले की ये कहानी फिर हो रही रिपीट, इसलिए बहराइच में भेड़िए बन गए खूंखार आमदखोर!

समर्थ श्रीवास्तव

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UP News: बहराइच में भेड़ियों का आतंक लगातार बना हुआ है. भेड़िए लगतार इंसानों पर हमला कर रहे हैं. पूरा प्रशासन और वन विभाग की टीम जुटी हुई हैं. मगर भेड़िए पकड़ में नहीं आ रहे हैं. इसी बीच भेड़ियों के बदला लेने वाली प्रवृत्ति की चर्चा है और माना जा रहा है कि शायद भेड़ियों के आदमखोर बनने के पीछे एक वजह है. हो सकता है कि उनके बच्चों या उनके साथ कुछ ऐसी घटना हुई हो, जिससे वह आदमखोर बन गए और इंसानों के बच्चों को निशाना बनाने लगे. 

UP Tak इसकी तफ्तीश करने बहराइच में भेड़िए प्रभावित इलाकों में गया. यूपी तक सिसैय्या के नानकार गांव पहुंचा. वहां जब बच्चों से बात की गई तो बच्चों ने बताया कि मार्च के पहले हफ्ते में एक भेड़िए के बच्चे की मौत हो गई थी. खेल खेल में वो मर गया था. वह साइज में छोटा था. बच्चों ने बताया कि करहौरा में एक मंदिर के पीछे झाड़ियों में मांद थी. वहीं कुछ हुआ था. इसके बाद हमारी टीम उस मंदिर की तरफ गई.

भेड़ियों के साथ यहां क्या हुआ था?

मंदिर पहुंचने पर हमारी टीम ने वहां बैठे गांव वालों से बात की. मंदिर के पुजारी ने बताया, ऐसा सुनते हैं कि भेड़िए के एक बच्चे की मौत हो गई थी. बच्चों ने खेल-खेल में भेड़ियों की मांद पाट दी थी, जिससे उनके बच्चों की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही इस इलाके में भेड़ियों का आतंक देखने को मिला है. तभी से भेड़िए इंसानी बच्चों पर हमला कर रहे हैं.

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मांद के आस-पास ही हमला कर रहे भेड़िए

यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि भेड़ियों ने सबसे पहले मांद के आस-पास रहने वाले इंसानों पर ही हमले करने शुरू किए थे. 4 मार्च 2024 की रात के समय सिसैय्या के नानकार गांव निवासी मलखे के घर भेड़िये ने हमला किया. 6 मार्च रात 11:30 बजे आदमखोर भेड़ियों ने औंराही गांव में मां के पास सो रहे 6 साल के बच्चे पर हमला किया. उसी रात वर्मापुरवा में घर के बाहर सो रहे 15 वर्षीय लड़के पर भेड़िये ने हमला किया.

हमारी टीम ने इसको लेकर यूपी वन निगम के महाप्रबंधक और ऑपरेशन भेड़िया को लीड कर रहे अधिकारी संजय पाठक से बात की. उन्होंने बताया कि भेड़िए की प्रवृति बदला लेने की होती है. हो सकता है कि इंसानों ने उनके बच्चों को किसी तरह का नुकसान पहुंचाया हो, इसलिए वह बदला ले रहे हो.

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पहले भी ले चुके हैं बदला

वाइल्डलाइफ जानकार बताते हैं कि 20 से 25 साल पहले उत्तर प्रदेश के जौनपुर और प्रतापगढ़ इलाकों में कछार में भेड़ियों के हमले से 30 से अधिक बच्चों की मौत हुई थी. जांच में पता चला था कि कुछ बच्चों ने भेड़िया की मांग में घुसकर उसके दो बच्चों को मार दिया था. उसे वक्त भी भेड़िए आदमखोर हो गए थे और आखिरी में उन्हें गोली मारनी पड़ी थी.

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