गुरु पूर्णिमा पर करेंगे ये काम का मिलेगा भगवान विष्णु का आशीर्वाद, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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Guru Purnima 2024: गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू धर्म में इस त्योहार का खास महत्व माना जाता है. धार्मिक दृष्टिकोण से इतर यह त्योहार जीवन में गुरु और शिक्षक के महत्व को भी रेखांकित करता है. आइए आज हम आपको बता रहे हैं कि गुरु पूर्णिमा कब पड़ रही है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन के लिए पूजा पद्धति क्या निर्धारित की गई है. 

श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान प्रधान ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री के मुताबिक आषाढ़ पूर्णिमा शनिवार 20 जुलाई शनिवार शाम 6 बजे से शुरू होगी. यह रविवार 21 जुलाई दोपहर 3 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी. उनके मुताबिक जो भक्तजन रात्रि पूर्णिमा का व्रत रखते हैं वह 20 जुलाई शनिवार को रखें. दिवा पूर्णिमा का व्रत करने वाले इस 21 जुलाई रविवार को रखें. 

 

 

गुरु पूर्णिमा पर पूजा का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री के मुताबिक गुरु-व्यास पूजा के लिए 21 जुलाई रविवार सुबह 5 बजकर 46 मिनट के बाद पूरा दिन शुभ है. आपको बता दें कि इसी दिन वेद व्यास का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. 

इस दिन अपने गुरु का पूजन करना चाहिए. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस दिन भगवान श्रीसत्यनारायण जी की कथा पढ़ना या उसका श्रवण करना या पूजा करवाना बेहद शुभ परिणाम देता है. इस दिन जातक को श्रीगणेश, भगवान शिव, माता पार्वती, विद्या की देवी मां शारदे, भगवान विष्णु के स्वरूप श्रीसत्यनारायण जी, चंद्रमा और माता-पिता की पूजा जरूर करनी चाहिए. जो लोग अपने गुरु के पास नहीं जा सकते उन्हें घर पर रहकर ही उनका ध्यान और सुमिरन करना चाहिए. 

 

 

पवित्र नदियों में स्नान का भी महत्व

गुरु पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान का भी महत्व है. अगर आप किसी कारणवश नहीं जा पा रहे हैं, तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. इस दिन जरूरतमंद लोगों को अपनी क्षमता के मुताबिक दान करने पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है.

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