Narayan Sakar Hari : एक रुपया भी चढ़ावा नहीं तो कैसे आया बाबा के पास इतना पैसा, जानें कहां से होती है फंडिंग?

संतोष शर्मा

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Hathras Narayan Sakar Hari
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Hathras Narayan Sakar Hari : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में हुई मौतों के बाद से सूरज पाल उर्फ नारायण साकार हरि सुर्खियों में है. कुछ दिनों पहले 'भोले बाबा' और नारायण साकार विश्व हरि के नाम से मशहूर सूरज पाल के सत्संग के दौरान मौत की ऐसी भगदड़ मची की, सैकड़ों जिंदगियां काल के गाल में समा गईं.  बाबा के पास करोड़ों रुपए की संपत्ति है और एक-दो नहीं बल्कि 24 आश्रम हैं.

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा अपने अनुयायियों से एक पैसा चढ़ावा नहीं लेता, तो फिर उसने अपने कई आलीशान आश्रम कैसे खड़े कर लिए और इन आश्रमों में दुनिया की सभी सुख-सुविधाएं कैसे जुटायीं? आइए जानते हैं. 

ऐसे आया बाबा के पास इतना पैसा

हाथरस हादसे के बाद सुर्खियों में आए नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के के आलीशान आश्रम की तस्वारें सोशल मीडिया पर वायरल हैं पर भक्तों की मानें तो बाबा एक रूपया भी दान में नहीं लेता थे पर उनके पास से करीब 100 करोड़ की प्रापटी है.बाबा ने अलग- अलग जिलों में श्रद्धालुओं के एक कमेटी बनाई है जो बाबा के लिए आश्रम का निर्माण करती है.मैनपुरी के बिछुआ में बाबा का 21 बीघा में आश्रम है जिसकी जमीन विनोद बाबू आनंद नाम के एक व्यक्ति ने ही बाबा को दान में दी थी.

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चंदे में मिला सबकुछ

जमीन मिलने के बाद श्रद्धालुओं  ने ही कोठी के लिए चंदा इक्कठा किया जिसमें से 199 लोगों ने 10000 से लेकर 2 लाख 51 हजार तक का दान किया, जिनकी नाम बाबा से कोठी के गेट पर लगा रखी है. लिस्ट में सबसे ऊपर आश्रम के लिए 21 बीघा जमीन दान करने वाले विनोद बाबू आनंद का नाम है. उसके बाद नकद धनराशि देने वालों की लिस्ट लगी है. अगर चंदे की पूरी रकम जोड़ी जाए तो यह 88 लाख, 35हजार, 529 रुपये होती है. यानी 88 लाख से अधिक की रकम तो बाबा ने 200 लोगों से ही जुटा ली. 

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